निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में सोमवार को 1200 से अधिक मरीज पहुंचे। इनमें से खांसी और बुखार से ग्रस्त रोगियों की संख्या 300 से अधिक रही। इस मौसम में आने वाले मरीजों में सांस लेने में कठिनाई, बुखार, गले में खराश और थकान जैसी शिकायतें अधिक देखी जा रही हैं।
सामान्य रोग विशेषज्ञ डॉ. यतिन गुप्ता ने बताया कि मौसम में लगातार बदलाव और सर्दी के तेज होने से लोग बीमार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय खान-पान का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है और बीमारियों के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि खांसी या जुकाम दो दिन से अधिक बनी रहे तो तुरंत नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।
डॉ. गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल घरेलू नुस्खों पर भरोसा करना सुरक्षित नहीं है। बीपी और शुगर के मरीजों को अतिरिक्त सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में गर्म कपड़े पहनें, पर्याप्त पानी पिएं और पौष्टिक भोजन लें। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके।
गर्म तासीर वाले पेय और खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी
संतुलित और पौष्टिक आहार लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ठंड के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव संभव होता है। ऐसे में गर्म तासीर वाले पेय और खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी है। ठंड से बचने और शरीर को गर्म रखने के लिए लोग चाय, कॉफी, हल्दी वाला दूध, सूप और अन्य गर्म पेय पदार्थों का अधिक सेवन कर रहे हैं। साथ ही पराठे, पकौड़े, और हलवा जैसी गर्म और पौष्टिक खाद्य वस्तुएं भी भोजन में शामिल कर रहे हैं। दुकानदारों के अनुसार इस मौसम में बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में दोगुना या उससे भी अधिक हो जाती है।