खेल प्रमाणपत्रों पर बड़ी कार्रवाई: 143 खिलाड़ियों के सर्टिफिकेट होंगे निरस्त

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कैथल: फर्जी तरीके से बनाए गए खेल ग्रेडेशन प्रमाण पत्रों पर खेल विभाग सख्त हो गया है। राज्य सरकार को भेजी गई जांच रिपोर्ट में प्रदेशभर के 143 खिलाड़ियों के खेल ग्रेडेशन प्रमाणपत्रों को संदिग्ध, अमान्य और कई मामलों में पूरी तरह फर्जी घोषित किया गया है। इनमें कैथल के भी 6 खिलाड़ियों के डी-ग्रेडेशन प्रमाणपत्र शामिल हैं जिन्हें जल्द ही रद्द किया जाएगा।

रिपोर्ट में सामने आया है कि कई खिलाड़ियों के प्रमाणपत्र न तो किसी मान्यता प्राप्त राज्य संघ द्वारा जारी किए गए हैं और न ही वे राष्ट्रीय महासंघ या इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन से संबद्ध पाए गए। बिना मान्यता के ही कुछ एसोसिएशनों ने खिलाड़ियों को खेल प्रमाणपत्र जारी कर दिए जो नियमों के विपरीत है। सूत्रों के अनुसार जिन खिलाड़ियों ने इन फर्जी ग्रेडेशन प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की है, उनकी सेवाओं पर भी अब संकट के बादल मंडरा सकते हैं।

खेल विभाग द्वारा खिलाड़ियों के प्रमाणपत्रों की सूची बनाकर संबंधित फेडरेशनों से सत्यापन कराया गया। सत्यापन में बड़ी संख्या में ऐसे प्रमाणपत्र सामने आए, जिन पर फर्जी, अमान्य और संबद्धता नहीं जैसी टिप्पणियां दर्ज की गई हैं। ताइक्वांडो, वॉलीबाल, थ्रोबाल और सर्कल कबड्डी खेलों में सबसे अधिक अनियमितताएं पाई गई हैं। ताइक्वांडो में कई खिलाड़ियों के प्रमाणपत्र मान्य नहीं पाए गए क्योंकि वे मान्यता प्राप्त राज्य संघ से जारी नहीं थे। वहीं, एथलेटिक्स में अनेक प्रमाणपत्र सीधे तौर पर फर्जी घोषित किए गए हैं। जिला खेल विभाग की ओर से इस संबंध में संबंधित खिलाड़ियों को पत्र जारी कर दिया गया

की ओर से कैथल जिले के छह खिलाड़ियों के खेल ग्रेडेशन प्रमाणपत्र रद्द करने को लेकर पत्र जारी हुआ है। जिन एसोसिएशनों द्वारा वे प्रमाणपत्र जारी किए गए थे, उस समय उन्हें मान्यता प्राप्त नहीं थी। इसी कारण पूरे प्रदेश में मुख्यालय स्तर पर 143 प्रमाणपत्रों को रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं।