ठंड व धुंध का असर: मौसमी बीमारियों की चपेट में मरीज

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भिवानी। जिले में धुंध और तापमान में गिरावट के साथ ठिठुरन बढ़ गई है। इसी के चलते जिला नागरिक अस्पताल की ओपीडी में मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी में रोजाना लगभग 1250 से 1300 मरीज आते हैं। भारी भीड़ के कारण कई विभागों में दो चिकित्सकों की तैनाती भी की गई है। मरीजों में ज्यादातर बुखार, खांसी और जुकाम की शिकायतें सामने आ रही हैं।

चिकित्सक चेतावनी दे रहे हैं कि मौसम बदलाव के दौरान खान-पान और पहनावे में उचित बदलाव बेहद जरूरी है। पुराने मर्ज के मरीजों को सैर-सपाटा करने से भी परहेज करने की सलाह दी जा रही है। अस्पताल में ऑर्थो विभाग और फिजिशियन की ओपीडी में सबसे ज्यादा मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से भी सुबह-सुबह मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। पहले ओपीडी स्लीप कटाने के लिए लंबी लाइनें लगती हैं और फिर दवा खिड़की पर भी मरीजों की भीड़ रहती है। कई मरीज सुबह से दोपहर तक अस्पताल में रहते हैं।
जिला नागरिक अस्पताल के फिजिशियन डॉ. यतीन गुप्ता ने बताया कि मौसम में बदलाव के दौरान लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। अधिकांश मरीज खान-पान और पहनावे में लापरवाही के कारण बीमार पड़ रहे हैं। चिकित्सकों ने लोगों से सजग रहने और सेहत का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है।न्यूनतम तापमान 6 डिग्री तक लुढ़का, घनी धुंध से दृश्यता 10 मीटर से भी कम

भिवानी। जिले में लगातार गहराती धुंध और गिरते तापमान से ठंड का असर बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान छह डिग्री तक पहुंच गया जबकि अधिकतम तापमान करीब 21 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम के साथ-साथ वायु गुणवत्ता भी प्रभावित रही और एक्यूआई 162 रिकॉर्ड किया गया। दिन की शुरुआत घने कोहरे से हुई जो करीब दस बजे तक मुख्य मार्गों पर छाया रहा।

घने कोहरे के चलते सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थमी रही और चालक हैडलाइट के सहारे आगे बढ़ते नजर आए। ठंड और कम दृश्यता के कारण शहर की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी बेहद कम रही। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को भी इसी तरह घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। वहीं शहर और आसपास के इलाकों में जिन मार्गों पर जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं, वहां कोहरे के कारण हादसों की आशंका भी बनी रही। कम दृश्यता और ठंड के चलते लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मौसम में बदलाव के दौरान ओपीडी में मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है। कुछ तो पुराने मरीज होते हैं, ज्यादातर मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज ही ओपीडी में पहुंच रहे हैं। ओपीडी में मरीजों की सुविधा के लिए सभी व्यवस्थाएं कराई गई हैं।