पंचकूला: पंचकूला में आयोजित स्वदेशी महोत्सव लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां रोजाना न केवल पंचकूला बल्कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. महोत्सव में दशकों पुराने पारंपरिक उत्पादों के साथ-साथ आधुनिक तकनीक से तैयार स्वदेशी वस्तुएं भी प्रदर्शित की गई हैं, जो लोगों को खूब लुभा रही हैं.बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित हर उम्र वर्ग के लिए झूले, परिधान, साज-सजावट का सामान, सौंदर्य उत्पाद और मनोरंजन के कई साधन मौजूद हैं, जिससे पूरा परिसर रौनक से भरा नजर आ रहा है.
स्वाद और सेहत का अनोखा संगम: स्वदेशी महोत्सव में घूमने आए लोग मनोरंजन के साथ-साथ खरीदारी भी जमकर कर रहे हैं. खास तौर पर केले से तैयार किए गए बिना प्रिजरवेटिव वाले स्वास्थ्यवर्धक बिस्किट लोगों की पहली पसंद बनी है. इन बिस्किटों का स्वाद इतना लाजवाब है कि जुबान पर रखते ही लोग “वाह! क्या बात है” कह उठते हैं. सेहत और स्वाद के इस अनोखे मेल ने स्वदेशी महोत्सव की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है.
एमबीए के छात्र ने तैयार किया खास बिस्किट: मूल रूप से जिला भिवानी के गांव लाडावास निवासी सेवानंद ने इस खास बिस्किट को तैयार किया है. सेवानंद वर्तमान में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एमबीए कर रहे हैं. सेवानंद इस महोत्सव में स्वयं द्वारा तैयार चार तरह के बिस्किट लाए हैं. इन बिस्किट की विशेष बात यह है कि इन्हें मुख्य रूप से केले के इस्तेमाल से तैयार किया गया है. इनका स्वाद बढ़ाने के लिए इनमें बकरी का दूध और विभिन्न तरह के ड्राई फ्रूटस का मिश्रण भी मौजूद है. खास बात यह है कि हर उम्र वर्ग के लोग, बच्चे हों या बड़े, सभी इनका स्वाद चखने के साथ इन्हें खरीद भी रहे हैं. इस बिस्किट का स्वाद तो लाजवाब है ही. साथ ही यह क्रिस्पी भी है. एक बाइट के साथ मुंह में तुरंत घुल भी जाता हैं.”
इन चीजों से बना बिस्किट: “सत्तू, रागी, बाजरा और ज्वार से ये बिस्किट तैयार किए गए हैं. इन सभी में मुख्य इनग्रिडिएंट्स केला है. इसके अलावा अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. सभी चारों तरह के बिस्किट में किसी प्रकार का कोई प्रिजरवेटिव इस्तेमाल नहीं किया गया है. नतीजतन यह बिस्किट काफी हेल्दी है.”
बनाना शेक पाउडर भी खरीद रहे लोग: सेवानंद ने आगे बताया कि, ” मैंने केवल चार तरह के बिस्किट ही नहीं, बल्कि केले का शेक यानी कि बनाना शेक के लिए एक विशेष तरह का पाउडर भी तैयार किया है. एक गिलास दूध के अंदर इस पाउडर को डालकर थोड़ा शेक करने पर बनाना शेक तुरंत तैयार हो जाता है. जिन लोगों को दूध पचता नहीं है, वे बिना दूध के भी शेक का आनंद ले सकते हैं. इस पाउडर को दूध के बजाय पानी के गिलास में डालकर शेक करने पर भी बनाना शेक का स्वाद मिलता है. इस विशेष पाउडर को फिलहाल लॉन्च किया जाना है. लेकिन उससे पहले वह इस स्वदेशी महोत्सव में उसे लेकर पहुंचे और यहां लोगों का काफी अच्छा रूझान उन्हें दूखने को मिला है.”
रविवार तक चलेगा महोत्सव: पंचकूला सेक्टर-5 स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित दस दिवसीय स्वदेशी महोत्सव रविवार तक जारी रहेगा.इस महोत्सव में ग्रामीण संस्कृति और लोक परंपराओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है, जहां स्वदेशी उत्पादों की भरमार देखने को मिल रही है.आकर्षण का केंद्र हरियाणा की करीब एक सौ वर्ष पुरानी पारंपरिक बैलगाड़ी, गंडासा, गड़वी, हुक्का, तांबा-कांस्य-पीतल और लोहे के पारंपरिक बर्तन तथा चरखा हैं. इसके अलावा अलग-अलग शैली में पगड़ी बांधने वाले कलाकार, हाथ से हवा करने का बिजना, दूध बिलोने की रई, फर्नीचर, बच्चों के लिए झूले और मनोरंजन के अनेक साधन मौजूद हैं. वहीं, विभिन्न जिलों से आई कलाकारों की टीमें वाद्य यंत्रों और नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन कर रही हैं.
मुख्य मंच पर पहुंच रहे कलाकार:स्वदेशी महोत्सव के मुख्य मंच पर सुबह से रात तक विभिन्न जिलों से पहुंचे कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. लोक गीतों, लोक नृत्य, स्किट और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से स्थानीय पहचान और परंपराओं को दर्शाया जा रहा है. यह मुख्य मंच प्रतिदिन हरियाणा के किसी न किसी गायक या कलाकार के नाम से सजता है, जहां हाल ही में अमित सैनी रोहतकिया के गीतों ने दर्शकों को खूब झुमाया. बच्चों, महिलाओं और हर उम्र वर्ग के लोगों के लिए आकर्षक परिधान और अन्य उत्पाद भी उपलब्ध हैं, जिसके चलते सेक्टर-5 स्थित आयोजन स्थल पर सुबह से देर रात तक लगातार रौनक बनी हुई है.

















