चंडीगढ़। नए साल की चुनौतियों से निपटने के लिए आज रविवार को हरियाणा के सभी शीर्ष पुलिस अधिकारी करनाल के मधुबन में जुटेंगे।
अपराध नियंत्रण रणनीति, नीतिगत प्राथमिकताओं और संचार दृष्टिकोण को अंतिम रूप देने के लिए हरियाणा पुलिस अकादमी में होने वाली इस बैठक में पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के साथ ही सभी एडीजीपी, आइजी-डीआइजी, पुलिस आयुक्त और पुलिस उपायुक्त तथा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे।
बैठक में वर्ष 2025 के दौरान प्राप्त अनुभवों, चुनौतियों और उपलब्धियों की व्यापक समीक्षा करते हुए 2026 के लिए अपराध नियंत्रण, खुफिया तंत्र और जनसंपर्क रणनीति का रोडमैप तैयार किया जाएगा।
उभरती आपराधिक प्रवृत्तियों, फील्ड स्तर के अनुभवों और बदलती सुरक्षा चुनौतियों के आधार पर व्यावहारिक एवं नवोन्मेषी रणनीतियों पर विचार किया जाएगा।
चर्चा का केंद्र संगठित अपराध, नशा तस्करी, साइबर अपराध तथा प्रभावी जनसंवाद रहेगा ताकि पुलिसिंग को और अधिक प्रो-एक्टिव, इंटेलिजेंस आधारित और नागरिक-केंद्रित बनाया जा सके।
बैठक में हाल के समय में सामने आए फिरौती काल और आनर किलिंग जैसे मामलों पर विशेष मंथन होगा। विशेषकर उन मामलों में, जिनका संचालन जेलों या विदेश से इंटरनेट मीडिया व डिजिटल माध्यमों के जरिए किया जा रहा है।
इन नेटवर्क्स पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए लक्षित निगरानी, सटीक खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान, जेल प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय तथा डिजिटल फारेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।
नशा तस्करी रोकने के लिए पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से सटे सीमावर्ती जिलों में सक्रिय नेटवर्क की समीक्षा की जाएगी। एनसीबी, बीएसएफ तथा पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय बढ़ाने, ड्रोन आधारित निगरानी, सप्लाई-चेन ट्रैकिंग और तकनीकी विश्लेषण जैसे सफल प्रयोगों को साझा किया जाएगा।
साइबर पुलिसिंग को और अधिक सक्षम बनाने की कड़ी में साइबर थानों को सशक्त करने, एआइ आधारित डेटा एनालिटिक्स अपनाने, जांच अधिकारियों के क्षमता-विकास तथा नागरिकों के लिए जागरूकता अभियानों और त्वरित शिकायत निवारण प्रणाली को और प्रभावी बनाने की योजना तैयार की जाएगी।
गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत जैसे शहरी क्षेत्रों में संगठित अपराध और फिरौती नेटवर्क, अवैध शराब, जुआ और नशे से जुड़े अड्डे की चुनौतियों से निपटने हेतु मानव और तकनीकी सूचनाओं पर आधारित एकीकृत इंटेलिजेंस ग्रिड विकसित करने पर बल दिया जाएगा।
सभी जिलों के एसपी अपने-अपने क्षेत्रों के हाटस्पाट, रुझान और प्रभावी हस्तक्षेपों पर डेटा आधारित प्रस्तुति देंगे। मधुबन में होने वाला यह उच्चस्तरीय विचार-विमर्श राज्य की वार्षिक पुलिसिंग योजना का आधार बनेगा और सभी जिलों के लिए स्पष्ट कार्य-लक्ष्य तय करेगा।

















