चंडीगढ़। महिला को डिजिटल अरेस्ट कर तीन करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में आरोपी को नियमित जमानत देने से पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अपराध बढ़ रहे हैं और हर दिन सुनने में आता है कि आम लोगों को उनकी मेहनत की कमाई का चूना लगाया जा रहा है।
याचिका दाखिल करते हुए मुकेश ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा पुलिस ने जनवरी 2025 में आइटी एक्ट व अन्य धाराओं में ठगी की एफआइआर दर्ज की थी।
शिकायतकर्ता के अनुसार उसे एक कॉल आया था जिसमें कहा गया था कि उससे जुड़े फोन नंबर व खातों का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया गया है। याची से तीन करोड़ रुपये विभिन्न खातों में डालने को कहा गया और साथ ही धमकी दी गई कि यदि इस बारे में परिवार के किसी सदस्य को बताया तो वह भी इस मामले में फंस जाएंगे।
पीड़िता को रूप से बाहर नहीं जाने दिया
याची को वाट्सएप के जरिए वीडियो कॉल करके डिजिटल अरेस्ट किया गया और उसे उसके रूम से बाहर तक नहीं जाने दिया गया। इस मामले में बाद में एफआईआर दर्ज की गई और याची को गिरफ्तार किया गया। याची ने कहा कि इस मामले में उसकी भूमिका केवल इतनी है कि उसने एक बैंक अकाउंट किट का प्रबंध किया था जिसमें शिकायतकर्ता ने बाद में पैसे जमा करवाए थे।
याची ने हाई कोर्ट से अपील की कि उसे इस मामले में नियमित जमानत दी जाए। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अपराध बढ़ रहे हैं और हर दिन सुनने में आता है कि आम लोगों को उनकी मेहनत की कमाई का चूना लगाया जा रहा है। याची के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं और उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।

















