भिवानी। भागदौड़ भरी जिंदगी और रुपये कमाने की होड़ में युवा वर्ग दिनभर ऑफिस की चहारदीवारी में सिमटता जा रहा है। काम की व्यस्तता के चलते सूर्य की किरणों से दूरी बनाना युवाओं को भारी पड़ रहा है। सूर्य की पहली किरण विटामिन डी का प्रमुख स्रोत है और इसकी कमी के कारण बदन दर्द, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, तनाव और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
चिकित्सकों के अनुसार इस समस्या को देखते हुए मरीजों को संतुलित खान-पान, विटामिन युक्त आहार और सर्दी के मौसम में सुबह 11 बजे तक धूप में बैठने की सलाह दी जा रही है। मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष श्योराण ने बताया कि कुछ किशोरों और युवाओं को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिल पा रही है। इसके कारण हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ कमर और बदन दर्द की शिकायत बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक कैल्शियम और विटामिन की कमी बने रहने से शरीर में गंभीर बीमारियां पनपने की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कैल्शियम और विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, पर्याप्त धूप लें, जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स से परहेज करें तथा शारीरिक गतिविधियों को दिनचर्या में शामिल करें।
कैसे करें सुधार
प्रतिदिन सुबह के समय धूप में शरीर की सिकाई करें।
साल में एक बार विटामिन की जांच अवश्य करवा लें।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
कमर दर्द
बदन दर्द
जोड़ों का दर्द
थकान और कमजोरी
तनाव
कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
विटामिन डी शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। यह हड्डियों के निर्माण और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। शरीर के लिए कैल्शियम और विटामिन दोनों का संतुलन होना आवश्यक है। विटामिन डी की पूर्ति के लिए धूप मुख्य स्रोत है। यदि भौगोलिक स्थिति या किसी अन्य कारण से धूप पर्याप्त नहीं मिल पाती तो विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से इसकी पूर्ति की जा सकती है। शरीर में विटामिन डी का स्तर जानने के लिए साल में एक बार खून की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए।

















