चंडीगढ़ : इनैलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने एचपीएससी द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल के पेपर की “आंसर-की” जारी करने के बाद सामने आई गड़बडियों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि एच.पी.एस.सी. का चेयरमैन आलोक वर्मा बिहार से है और ज्यादा से ज्यादा बिहार और यूपी के लोगों को असिस्टैंट प्रोफैसर के पद पर नियुक्त करने की पूरी साजिश रच रहा है।
इसका जीता जागता सबूत है कि 32 प्रश्न बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन के ज्योग्राफी के पेपर से लिए गए हैं। अभी तक असिस्टैंट प्रोफैसर के विभिन्न विषयों के जितने भी पेपर हुए उन सभी में पेपरों की सील टूटी मिली हैं। सभी पेपरों में बहुत से सवालों के जवाब गलत दिए गए हैं। रिवाइज्ड ” आंसर-की” में 6 प्रश्नों के उत्तर बदल दिए गए। कई प्रश्न ही हटा दिए गए। यह सब भाजपा सरकार की सहमति से किया जा रहा है।
बिना पर्ची-बिना खर्ची की बात करने वाली भाजपा सरकार के लिए लोगों में आम चर्चा है कि हरियाणा का जो भी अभ्यर्थी है उससे असिस्टैंट प्रोफैसर के पद पर भर्ती करने के लिए लाखों रुपए लिए जा रहे हैं। प्रदेश के युवा जो असिस्टैंट प्रोफैसर लगने के योग्य हैं वो आज भाजपा सरकार की साजिश का शिकार हो रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और एक्टिविस्ट खुलकर भाजपा सरकार एवं एचपीएससी की धांधलियों को उजागर कर रहे हैं लेकिन इनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
अभय सिंह चौटाला ने एच.पी.एस.सी. द्वारा पेपर में की गई धांधलियों का जिम्मेदार चेयरमैन को ठहराते हुए कहा कि एच.पी.एस.सी के चेयरमैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकद्दमा दर्ज किया जाए और तुरंत चेयरमैन के पद से बर्खास्त किया जाए।