बिहार के बाद अब बंगाल में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुूरू होने की संभावना है. इसे लेकर राज्य की सियासत शुरू हो गयी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को तृणमूल सांसदों के साथ बैठक करेंगी. वह शाम 4:30 बजे तृणमूल सांसदों के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगी. ममता बनर्जी इस बारे में संदेश दे सकती हैं कि तृणमूल सांसदों को संसद में क्या करना चाहिए और कौन से मुद्दे उठाने चाहिए? वहीं, सोमवार की बंगाल बीजेपी के सांसदों के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की संभावना है.
अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले, राज्य की राजनीति SIR मुद्दे को लेकर गरमा गई है. बिहार के बाद, पिछले कुछ समय से अफवाहें चल रही हैं कि आयोग बंगाल में मतदाता सूची में संशोधन का काम शुरू कर रहा है. आयोग अगस्त में बंगाल में SIR शुरू कर सकता है.
बंगाल में सत्तारूढ़ दल भी इस मुद्दे पर मंच पर आ गया है. तृणमूल ने चेतावनी दी है कि अगर बंगाल में किसी भी योग्य मतदाता का नाम छूटा तो वे सड़कों पर उतरेंगे.
दिल्ली में सोमवार को शाह से मुलाकात करेंगे बीजेपी नेता
ममता बनर्जी पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगी, उसी दिन बंगाल भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य और अन्य बंगाल भाजपा सांसद दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात करेंगे. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने रविवार को यह जानकारी दी. इस बैठक में क्या चर्चा होगी, इसे लेकर भाजपा के भीतर चर्चा शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, बंगाल भाजपा ने शाह से मिलने का समय मांगा था. इस बैठक में पश्चिम बंगाल भाजपा के राज्यसभा और लोकसभा सांसद शामिल होंगे.
भाजपा सूत्रों के अनुसार, संसद का सत्र चल रहा है. लगभग हर दिन, तृणमूल सांसद संसद के दोनों सदनों में पश्चिम बंगाल के विभिन्न मुद्दों और केंद्र सरकार की उपेक्षा को लेकर अपनी आवाज उठा रहे हैं. कभी तृणमूल सांसद ‘भाषा विवाद’ को लेकर केंद्र को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, तो कभी चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर. बंगाल भाजपा को लगता है कि इन सभी सवालों का जवाब देने की जरूरत है. लेकिन बंगाल भाजपा सांसदों के लिए हर दिन समय आवंटित नहीं किया जाता है. बंगाल भाजपा सांसदों के नाम हर दिन वक्ताओं की सूची में भी नहीं होते. इस कारण टीएमसी सांसदों का जवाब नहीं दे पाते हैं.
तृणमूल से मुकाबले की बनेगी रणनीति
संसद में कौन और कब बोलेगा, यह भाजपा के केंद्रीय स्तर पर तय होता है. बंगाल भाजपा सांसदों के नाम हर दिन वक्ताओं की सूची में नहीं होते. सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. उस चुनाव को ध्यान में रखते हुए, संसद में तृणमूल सांसदों द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देना जरूरी है. सूत्रों का दावा है कि बंगाल भाजपा के सांसद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शाह से मिलने वाले हैं.
इसके अलावा, ममता और पश्चिम बंगाल के अन्य तृणमूल नेता एसआईआर को विपक्षी मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर करने की एक ‘साजिश’ मान रहे हैं! इतना ही नहीं, तृणमूल यह आरोप लगाकर संदेश देने की कोशिश कर रही है कि बंगाल के प्रवासी मज़दूरों पर विदेशी राज्यों, खासकर भाजपा शासित राज्यों में हमले हो रहे हैं. सोमवार की बैठक में शाह को इन सभी मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी जा सकती है.