फलेंडी के बाद शाहचोखा गांव में कैंसर का कहर: दो दिनों में 2 मौतें, ग्रामीणों में डर का माहौल

SHARE

नूंह: जिले का ऐतिहासिक गांव शाहचोखा इन दिनों कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में है. पिछले दो दिनों में गांव के शहीद और जैतूनी की कैंसर के कारण मौत हो गई. वहीं, बीते महीनों में रशीद, अख्तर और हुरमत सहित कई ग्रामीण कैंसर से जान गंवा चुके हैं. लगातार मौतों से गांव के लोग खौफ में हैं.

लगातार मौत से टूटे परिवार: गांव के कई परिवारों ने अपनों को लंबे समय तक बीमारी से लड़ने के बाद खो दिया है. ग्रामीणों के अनुसार, कैंसर ने कई नौजवानों को भी समय से पहले परिवारों से छीन लिया है. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार इलाज के भारी खर्च से और ज्यादा टूट गए हैं. गांव में एक दस वर्षीय बच्ची सहित कई मरीज अब भी कैंसर से जूझ रहे हैं. परिजनों का कहना है कि इलाज का खर्च उनकी क्षमता से कई गुना अधिक है.

सरकार से नाराज ग्रामीण: ग्रामीणों का आरोप है कि न तो कैंसर से मरने वाले परिवारों को और न ही इलाज करा रहे मरीजों को सरकार की ओर से कोई आर्थिक सहायता मिली है. मृतक शहीद खान के बेटा फिरोज खान ने कहा कि, “मेरे पिता पिछले चार साल से कैंसर से लड़ रहे थे. हमारी आर्थिक स्थिति पहले ही कमजोर थी, इलाज के खर्च ने हमें और तोड़ दिया. चार साल तक संघर्ष किया लेकिन सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली.” वहीं, मृतका जैतूनी के परिजन फकरुद्दीन ने कहा कि “हमने जैतूनी के इलाज के लिए कई अस्पतालों में चक्कर लगाए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उसकी हालत बिगड़ती गई और मंगलवार को उसकी मौत हो गई. सरकार या विभाग से कोई सहायता नहीं मिली.”

डर में जी रहे लोग: इस मामले में ग्रामीण रुक्मुदीन ने कहा कि, “गांव में लगातार कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं.लोग डर और तनाव में जी रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. गांव में तत्काल स्वास्थ्य कैंप लगाया जाना जरूरी है.”

स्वास्थ्य विभाग ने दी सफाई: इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी सफाई दी है. सीएचसी पिनगवां के एसएमओ डॉ. यावर आलम ने बताया कि, “हाल में कैंसर से एक महिला की मौत की सूचना मिली है और कुछ दिनों पहले एक और मौत की रिपोर्ट आई है. विभाग लगातार जांच कर रहा है और शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. कैंसर के फैलने का एक बड़ा कारण खान–पान भी हो सकता है, इसलिए लोगों को अपने भोजन में विशेष ध्यान देने की जरूरत है.”