हरियाणा सरकार द्वारा ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अग्रोहा को विश्व पुरातात्विक मानचित्र पर नई पहचान दिलाने के लिए इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल और सांस्कृतिक धरोहर के केंद्र के रूप विकसित किया जा रहा है। इसके तहत अग्रोहा में अत्याधुनिक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा, जहां खुदाई से प्राप्त पुरावशेषों को संरक्षित और प्रदर्शित किया जाएगा। यह संग्रहालय आगंतुकों को क्षेत्र की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें एक ज्ञानवर्धक और आकर्षक अनुभव भी प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में अग्रोहा पुरातात्विक स्थल के विकास की प्रगति के संबंध में समीक्षा की गई। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, असीम गोयल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्रोहा, महाराजा अग्रसेन की राजधानी होने के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण पुरातात्विक और सांस्कृतिक स्थल है। इसके विकास से यह न केवल आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन गंतव्य के रूप में भी उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हिसार-अग्रोहा मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट ऑथोरिटी द्वारा एक समग्र मास्टर प्लान तैयार किया जाए, जिसमें अग्रोहा को एकीकृत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की विस्तृत रणनीति शामिल हो। साथ ही, अग्रोहा पुरातात्विक स्थल के आसपास स्थित टीलों की जियो टैगिंग कर उस क्षेत्र को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए, ताकि इन टीलों को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाया जा सके।
बैठक में जानकारी दी गई कि अग्रोहा में लगभग 5 एकड़ क्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और हरियाणा राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से खुदाई का कार्य किया जा रहा है। खुदाई से पूर्व संभावित क्षेत्रों की ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण कराया गया, जिसके आधार पर उत्खनन आरंभ किया गया। अब तक खुदाई से प्राप्त अवशेषों से यह पता लगता है कि आने वाले समय में यह क्षेत्र न केवल हरियाणा बल्कि पूरे भारत के ऐतिहासिक परिदृश्य को एक नई पहचान देगा।