हिसार: दिवाली के बाद पूरे देश में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है, लेकिन हरियाणा ने इस मामले में दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है. जींद जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 421 दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी खराब हवा में सांस लेना सेहतमंद लोगों को भी बीमार कर सकता है. दिल, फेफड़ों और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह हवा बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि इस स्थिति से बचने के लिए मास्क लगाना और बाहर की गतिविधियों में सावधानी बरतना जरूरी हो गया है.
टॉप-10 में हरियाणा के 8 जिले प्रदूषित: देश के टॉप 10 प्रदूषित जिलों में से 8 हरियाणा से हैं. इनमें जींद, धारूहेड़ा (रेवाड़ी), नारनौल, रोहतक, गुरुग्राम, बहादुरगढ़ (झज्जर), चरखी दादरी और सिरसा प्रमुख हैं. जींद और धारूहेड़ा का AQI 400 के पार पहुंच चुका है. वहीं, राजस्थान का भिवाड़ी इस सूची में सातवें और दिल्ली दसवें स्थान पर है. दिवाली की रात हरियाणा के 15 जिलों में AQI 500 तक रिकॉर्ड किया गया था, जो वायु गुणवत्ता के सबसे खतरनाक स्तर को दर्शाता है. विशेषज्ञ इसे मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक मानते हैं.
डॉक्टरों की चेतावनी: हिसार के गीतांजलि अस्पताल के फिजिशियन डॉ. कमल किशोर ने बताया कि “इस गंभीर स्थिति में आम लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है.” उन्होंने सलाह दी कि बाहर निकलते समय N-95 या डबल सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल किया जाए. साथ ही, बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा जैसे रोगियों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी है. डॉक्टरों का मानना है कि हवा की गुणवत्ता सुधरने तक लोगों को अधिकतर समय घर पर ही रहना चाहिए और व्यायाम जैसी गतिविधियां भी बंद कर देनी चाहिए.
जींद में वायु प्रदूषण की स्थिति: जींद में भी वायु प्रदूषण का असर देखने को मिला. मंगलवार रात को जींद में प्रदूषण का स्तर 500 के पार पहुंच गया था. आसमान में स्मॉग छाया रहा. आज सुबह 10 बजे भी प्रदूषण का स्तर 366 दर्ज किया गया. खेतों में भी फसल अवशेष जलने के तीन मामले सामने आए हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अश्विनी कुमार ने बताया कि “जिले में पांच जगह आगजनी हुई है. जिससे वायु प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है.”
वायु गुणवत्ता सूचकांक: शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है.
क्या है स्मॉग? हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि “स्मॉग असल में वायु प्रदूषण से बना पीला या काला कोहरा होता है. ये नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड और अन्य रासायनिक तत्वों से मिलकर बनता है. जब यह तत्व सूर्य की रोशनी से मिलते हैं, तो यह ओजोन का निर्माण करते हैं. फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है, लेकिन दिन में बादल छाए रह सकते हैं और हल्की ठंड बढ़ सकती है. रात का तापमान सामान्य के आसपास या थोड़ा ऊपर रह सकता है.
GRAP का दूसरा चरण लागू: दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP के दूसरे चरण को लागू कर दिया है. यह निर्णय मौसम विभाग और IITM की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए लिया गया. GRAP यानी ग्रेडेड रिस्पांसिबल एक्शन प्लान के तहत हवा की गुणवत्ता के आधार पर चार चरणों में कार्रवाई होती है. AQI 201 से 300 के बीच हो तो पहला चरण, 301 से 400 के बीच हो तो दूसरा, 401 से 450 तक तीसरा और 450 से ऊपर हो तो चौथा चरण लागू किया जाता है. जैसे-जैसे AQI बढ़ता है, नियम और सख्त होते जाते हैं.

















