अक्षय कुमार के फैन ने कर्ज लेकर बनाई ‘रोल्स रॉयस’ की कॉपी, एक्टर ने सिर्फ हाय-हेलो कर लिया अभिवादन

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 महम के निकट गांव खेड़ी का 21 वर्षीय पंकज एक स्थानीय युवक नहीं, बल्कि जुनून की मिसाल बन चुका है। फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार के प्रति दीवानगी में उसने 5 महीने तक रात-दिन मेहनत करके रोल्स-रायस जैसी कार तैयार कर डाली। वह इस कार को अपने पसंदीदा अभिनेता को गिफ्ट करना चाहता था, लेकिन मुंबई जाकर जो दर्द मिला, उसने उसके सपनों पर गहरी चोट कर दी और उसे कर्जदार भी बना दिया। पंकज रोहतक के एक ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर में डेंटर का काम करता था।

मैकेनिकल और बाडीवर्क की समझ का इस्तेमाल करते हुए उसने रोहतक, दिल्ली, भिवानी, हिसार और आसपास के कई शहरों से पुराने स्पेयर पार्ट्स इकट्ठे किए। पिता कर्मवीर की नाराजगी और बार-बार की नोक-झोंक के बावजूद उसने अपने जुनून को नहीं छोड़ा। अंततः पिता को भी अनुमति देनी पड़ी।

परिवार ने उसकी इस दीवानगी में लगभग 4 लाख रुपये महंगे ब्याज पर खर्च किए। पंकज ने अपनी नौकरी तक छोड़ दी और दिनरात कार को तैयार करने में लगा रहा। अक्टूबर में यह कार तैयार हुई। मुलाकात का आश्वासन मिलने पर ट्रक से गाड़ी को लेकर 11 अक्टूबर को मुंबई के लिए रवाना हुए और 19 अक्टूबर को वापसी की।

पंकज ने अक्षय कुमार के पीएसओ और ड्राइवर राहुल से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि साहब को बता दिया है, आप आ जाइए। इतना सुनकर पंकज की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने 1 लाख 10 हजार रुपये में कंटेनर किराए पर लेकर कार मुंबई भेजी। साथ ही गांव के 8 लोग उसके साथ गए, जिनके रहने-खाने में 1 लाख 20 हजार रुपये लग गए। लगभग 50 हजार रुपये की किराए की गाड़ी लेकर वे अक्षय कुमार के घर पहुंचे।

दिन इंतजार…. पर सिर्फ दूर से हाय-हेलो

पंकज के अनुसार पहले 6 दिनों तक अक्षय कुमार मिलने नहीं आए। छठे दिन वे दूर से आए, बस हाय-हेलो कहा और बोले कि बाद में मिलेंगे। दो दिन और इंतजार कराया गया। फिर ड्राइवर ने बता दिया कि अक्षय कुमार देश से बाहर चले गए हैं, अब लौट जाओ, पता नहीं कब आएंगे। यह सुनकर पंकज टूट गया।

पंकज की कहानी उन हजारों युवा सपने देखने वालों के लिए भी संदेश है कि सितारों की दुनिया चमकदार जरूर है, लेकिन वहां पहुंचना हर किसी के लिए आसान नहीं। उसने युवाओं को संदेश दिया कि किसी भी कलाकार को इतना मत चाहो कि आपका घर तक उजड़ जाए। जिस कार को वह अक्षय कुमार को गिफ्ट करना चाहता था, अब वह इसे हरियाणवी फिल्मों, नाटकों और शूटिंग में किराये पर देगा, ताकि इससे कुछ कमाई हो सके।

आठ लाख रुपये का कर्ज, अब नौकरी से चुकाएगा

कार को बनाने और मुंबई यात्रा में पंकज के परिवार पर लगभग 8 लाख रुपये का कर्ज चढ़ चुका है। अब वह रोहतक की महिंद्रा कंपनी में डेंटर की नौकरी शुरू कर रहा है ताकि कर्ज उतार सके। अब वे 10 नवंबर 2025 से अपना काम शुरू करेंगे तथा अपने माता पिता के कर्ज को उतारेंगे।