अंबाला।
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज अपने ही सरकार से भिड़ने के मूड में नजर आ रहे हैं। उन्होंने आज अंबाला में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा है कि वह ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि उनके आदेशों की अनुपालना नहीं होती।
अनिल विज ने कहा कि ऐसी बैठकों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है, जब अधिकारी किसी तरह के आदेशों का पालन न करें। बता दें कि अनिल विज को शुक्रवार को सिरसा के साथ कैथल में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शामिल होने जाना था, लेकिन उनके बयान के बाद यही कयास लगाए जा रहे हैं कि इसमें शामिल नहीं होंगे।
अनिल विज ने यह भी कहा है कि अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र के कामों के लिए आंदोलन भी करना पड़ा तो वह करेंगे। विज ने कहा कि बाकी हरियाणा का तो पता नहीं, लेकिन अंबाला की जनता के हकों के लिए वह लड़ते रहेंगे। विज ने कहा कि जिस तरह किसानों की मांगों के लिए डल्लेवाल (किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल) आमरण अनशन कर रहे हैं। उसी तरह अगर अनशन करना पड़े तो भी वह तैयार हैं।
करीब 20 दिन पहले कैथल में हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल हुए थे। इस दौरान विज ने 8 साल के बच्चे की मौत के मामले में प्राइवेट स्कूल पर कार्रवाई न करने पर एक ASI को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। साथ ही स्कूल के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा।
विज के आदेश के बाद ASI के सस्पेंशन को लेकर इसकी फाइल गृह मंत्रालय भेजी गई। गृह मंत्रालय इस समय CM सैनी के हाथ में है। वहां से विज के आदेश का पालन नहीं किया। जिस ASI के सस्पेंशन के आदेश विज ने दिए थे, वह अब भी वहां तैनात है। इससे विज नाराज हैं।
यह था पूरा मामला कैथल के किठाना निवासी पवन कुमार ने 20 दिसंबर 2024 को पुलिस और शिक्षा अधिकारी को शिकायत देकर कहा था कि उसका 8 साल का बच्चा किठाना में अमर पब्लिक स्कूल में पढ़ता है। स्कूल के बस ड्राइवर ने उसे पशु अस्पताल की तरफ बस रोक कर उतार दिया।
सड़क क्रॉस करते समय वाहन ड्राइवर ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए बेटे को टक्कर मार दी। इससे अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पवन ने आरोप लगाया कि स्कूल मैनेजमेंट ने पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर समझौते का दबाव बनाया। मामला ग्रीवेंस मीटिंग में पहुंचा तो मंत्री अनिल विज ने मामले की जांच कर रहे ASI सुखदेव सिंह को सस्पेंड करने के आदेश दिए।
साथ ही स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ भी कार्रवाई की आदेश दिए थे। विज ने कहा था कि बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा। यह मामला प्रशासनिक और कानूनी दोनों स्तरों पर गंभीरता से लिया जाएगा। विज के इस आदेश का पालन नहीं किया गया।