समालखा : उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर पुलिस ने सरकारी किताबों की नकली छपाई और उनको मार्किट में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस और एस.ओ.जी. ने संयुक्त कार्रवाई दौरान एन.सी.ई.आर.टी. की 1.33 लाख नकली किताबों के साथ 8 शातिरों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 3 करोड़ रुपए से ज्यादा का माल बरामद किया है। ये लोग विभिन्न राज्यों में एन.सी.ई.आर.टी. की नकली किताबों की खेप बाजारों तक पहुंचा रहे थे। इन्होंने अपनी प्रिंटिंग प्रैस लगाई हुई थी।
एस.एस.पी. संजय वर्मा ने पुलिस लाइन स्थित सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता दौरान बताया कि 1 जून को खतौली पुलिस और एस.ओ.जी. को जानकारी मिली कि मेरठ से कुछ लोग एन. सी.ई.आर.टी. की नकली किताबों की एक बड़ी खेप लेकर खतौली आ रहे हैं। पुलिस को अलकनंदा नहर पर पुराने चीलत क्षेत्र से 2 संदिग्ध गाड़ियां मेरठ की और से आती दिखीं। रोकने पर आरोपी भागने लगे लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया। गाड़ियों से एन.सी.ई.आर.टी. की नकली किताबों की खेप एस.एस.पी. अनुसार शातिरों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि उनका एक गिरोह है जो एन.सी.ई.आर.टी. की फर्जी किताबें छापकर बाजार में बेचता है। समालखा (पानीपत) के इंडस्ट्रीज एरिया में किराए पर लेकर प्रिंटिंग प्रैस लगाई गई थी। इन्हें खतौली के ग्राम भैंसी स्थित गोदाम में रखा जाता था और वहीं से विभिन्न राज्यों में सप्लाई की जाती थी। राजू शर्मा, ताराचंद, सतेंद्र, जावेद कच्चे माल की व्यवस्था व छपाई, आदिल मेवाती, अनिल चौहान, राहुल राणा अन्य राज्यों में सप्लाई और अमित सैनी सप्लाई करते थे। ये सभी मेरठ के निवासी हैं।
गिरफ्तार आरोपियों से 3 कारें व 1 लाख 33 हजार नकली किताबों की खेप और भैसी गोदाम से प्रिंटिंग मशीन व प्रिंटिंग और बुक बाइंडिंग अन्य सामान बरामद किया गया है। पुलिस ने समालखा में अवैध रूप से संचालित प्रिंटिंग प्रैस को भी सील कर दिया है। पुलिस और एस.ओ.जी. की सफलता पर आई.जी. भानु भास्कर यशोद ने टीम को 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार देने का ऐलान किया है।