चंडीगढ़: हरियाणा के श्रम विभाग में वर्क स्लिप के नाम पर एक घोटाला सामने आया है। प्रदेश के श्रम मंत्री अनिल विज से घोटाले की जांच के आदेश दिए है। मंत्री विज ने इस घोटाले में जिन भी अधिकारियों व कर्मचारियों का नाम सामने आया है। उनके सस्पेंशन के आदेश दिए है। जांच पूरी होने तक सभी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर पेमेंट पर रोक लगाने के भी आर्डर दिए हैं। संबंधित विभाग के सक्षम अथॉरिटी को निर्देशित किया इनके विरुद्ध क्रिमिनल केस की प्रक्रिया शुरू करने के आशय से महाधिवक्ता की राय लेकर कार्रवाई की जाए। यह घोटाला हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी में उजागर हुआ है। इन जिलों में फर्जी कामगारों के लिए वर्क स्लिप बनाई गई।
दरअसल, अनिल विज की अध्यक्षता में 21 अप्रैल 2025 को सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की मीटिंग के दौरान यह वर्क स्लिप घोटाला सामने आया था। पता चला कि श्रमिकों की 90 दिनों की वर्क स्लिप का जो वेरिफिकेशन किया गया, उसमें अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच 1196759 श्रमिकों की वर्क स्लिप का वेरिफिकेशन किया गया। इस अवधि के दौरान जिला हिसार के दौरान 145582 वर्क स्लिप वेरिफिकेशन की गई। ग्राम सचिव राजेंद्र सिंह के द्वारा अकेले 84741 आवेदनों को इन 3 महीने में वेरिफिकेशन कर दिया गया। इसी ग्राम सचिव द्वारा 2646 वर्क स्लिप एक दिन में वेरिफिकेशन की गई हैं। श्रम निरीक्षक फरीदाबाद द्वारा 2702 वर्क स्लिप सत्यापित की गई है।
शक होने पर कैबिनेट मंत्री विज ने बैठक में ही कहा कि ऐसा लगता है कि इसमें ज्यादातर वर्क स्लिप का वेरिफिकेशन फर्जी है। इसमें भ्रष्टाचार होने की संभावना हो सकती है। इसके बाद विज ने मीटिंग के दौरान ही तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया, जिनमें सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के संयुक्त सचिव अजमेर सिंह देसवाल, सचिव सुनील ढिल्लों, मेंबर भूपिंदर शर्मा को शामिल किया गया।
विज ने बताया कि श्रम विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण वर्क-स्लिप की जांच करने के लिए प्रदेश के सभी उपायुक्तों को तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के लिए निर्देशित करने को कहा गया है, जिसमें श्रम विभाग का एक मेंबर व दो अन्य राजपत्रित नामित स्वतंत्र सदस्यों को शामिल किया जाए। यह कमेटी राज्य के प्रत्येक गांव, शहर में फिजिकल वेरिफिकेशन करके सिस्टम व वर्क स्लिप वेरिफिकेशन के लिए अपनाए गए मानदंडों को जांचने का कार्य करेगी। जिलों में बनने वाली कमेटियां अपनी जांच रिपोर्ट 3 महीने में देंगी।
जांच कमेटी के द्वारा 6 जिलों हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी की 3 महीने (01 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025) के दौरान वेरिफिकेशन की गई वर्क स्लिपों की जांच की गई, जिसमें काफी अनियमितता पाई गई। जैसे कि रिपोर्ट के अवलोकन से प्रतीत होता है कि इनमें से ज्यादातर वर्क स्लिप फर्जी कामगारों की बनाई गई है। ये रजिस्टर्ड वर्कर विभाग की विभिन्न स्कीमों का लाभ भी उठा रहे हैं। जिससे विभाग को कई सौ करोड़ रुपए की वित्तीय हानि हुई है।