चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के 18 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में विपक्ष के सवालों और राजनीतिक हमलों का जवाब देने के लिए सरकार ने भी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सत्र से एक दिन पहले यानी बुधवार शाम को चंडीगढ़ में भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई है।
इस बैठक में राज्य सरकार के सभी मंत्री और हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली भी शामिल होंगे। विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने रात्रिभोज का आयोजन किया है। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले 18 दिसंबर को ही बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी, जिसमें सत्र की अवधि तय होगी।
फिलहाल 22 दिसंबर तक सत्र चलने की संभावना है। बीच में दो दिन शनिवार और रविवार का अकाश है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सदन में सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की जा चुकी है। भाजपा के पास विपक्ष के हर हमले का जवाब है। सरकार ने शीतकालीन सत्र आरंभ होने से पहले ही प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुई फसलों का मुआवजा किसानों के खातों में डाल दिया है।
रोहतक के गांव लाखनमाजरा के बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक की प्रैक्टिस के दौरान हुई मृत्यु के बाद सरकार वहां के जिला खेल अधिकारी को निलंबित कर चुकी है। राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार का दावा करने के लिए सरकार के पास तमाम आंकड़े हैं।
पिछले दो माह के दौरान करीब नौ हजार अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जा चुका है। धान घोटाले में कई अधिकारियों व मिलरों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी राज्य सरकार के मंत्रियों से उन सवालों पर बात करेंगे, जो कि विपक्ष के विधायकों द्वारा सदन में उठाए जाने वाले हैं।
विपक्षी विधायकों द्वारा पहले ही यह सवाल विधानसभा सचिवालय के पास भेज दिए गए हैं, जिनके जवाब विभागों की ओर से तैयार किए जा रहे हैं। शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार तीन विधेयक भी लेकर आ रही है, जिन्हें सदन में पास करवाने के लिए विधायकों की उपस्थिति जरूरी है।
मुख्यमंत्री सदन में विपक्ष के सामने बजट सत्र के दौरान की गई घोषणाओं तथा चुनाव के समय घोषणा पत्र में की गई घोषणाओं के संबंध में भी रिपोर्ट पेश कर सकते हैं। सरकार इस तैयारी में भी है कि पिछले एक साल के भीतर विपक्षी दलों के विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में जो विकास योजनाएं लागू की गई हैं, उन पर जरूरत पडऩे पर सदन में रिपोर्ट पेश की जाए।

















