जींद : हरियाणा की जेलों, जिसमें जींद जिला कारागार भी शामिल है। उसमें मोबाइल फोन और ड्रग्स का पता लगाने के लिए स्निफर डॉग्स भेजे गए थे। इन कुत्तों को प्रशिक्षण के लिए चंडीगढ़ की एक कंपनी को सौंपा गया था, लेकिन प्रशिक्षण के बाद इन्हें वापस नहीं लौटाने और भुगतान के बावजूद धोखाधड़ी के आरोप में कंपनी के निदेशक के खिलाफ जींद सिविल लाइन पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई है।
जानकारी के मुताबिक यह मामला चंडीगढ़ के सेक्टर-35 डी की कंपनी ईएसडी नेटवर्क इंडिया से जुड़ा है। कंपनी ने 2 जनवरी 2020 को पंजाब होमगार्ड कैनाइन ट्रेनिंग एंड ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट को 23 स्निफर डॉग्स को हरियाणा की जेलों के लिए प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव दिया था। इन कुत्तों को जेलों में मोबाइल फोन और ड्रग्स का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जाना था। इसके लिए हरियाणा कारागार विभाग ने कंपनी को 13 कुत्तों के प्रशिक्षण के लिए 29 लाख 25 हजार रुपये का भुगतान किया, जो प्रति कुत्ता लगभग 2.25 लाख रुपये था। इसके अतिरिक्त कुत्तों के भोजन और दवाओं के लिए प्रति कुत्ता 8,500 रुपये मासिक, 5 साल तक देने का समझौता था।
11 सितंबर 2020 को पंजाब होमगार्ड कैनाइन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ने हरियाणा कारागार विभाग को सूचित किया कि कुत्तों को बेचे जाने के बाद उनकी सारी जिम्मेदारी, जैसे भोजन, दवा और हैंडलर का वेतन, कारागार विभाग की होगी। जनवरी 2021 में जींद जिला कारागार को भी ये कुत्ते भेजे गए थे। इनमें से एक कुत्ता प्रशिक्षण के लिए ईएसडी नेटवर्क इंडिया को भेजा गया, लेकिन 15 महीने बीतने के बाद भी उसे वापस नहीं लौटाया गया।
बता दें कि हरियाणा कारागार विभाग के महानिदेशक कार्यालय ने 27 सितंबर 2024 से इस संबंध में कंपनी को पत्र लिखना शुरू किया और अब तक कई पत्र भेजे जा चुके हैं। कंपनी ने जवाब दिया कि भुगतान मिलने के एक सप्ताह के भीतर कुत्ते लौटा दिए जाएंगे। इसके बाद कारागार विभाग ने कंपनी को 1.80 लाख रुपये का भुगतान किया, लेकिन कुत्ते फिर भी वापस नहीं किए गए। इसे धोखाधड़ी और विश्वासघात मानते हुए जींद जिला कारागार के उपाधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने सिविल लाइन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की। उनकी शिकायत पर कंपनी के निदेशक सिमरत पाल सिद्धू के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 314, 316, और 318 के तहत FIR दर्ज की गई है।