यमुनानगर : पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भारी वर्षा के कारण हथिनी कुंड बैराज के उत्तर प्रदेश क्षेत्र के डाउनस्ट्रीम में नुकसान हुआ है। इसके बाद मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। विभागीय अधिकारी मौके पर तैनात किए गए हैं, और लगभग 80 कर्मचारी इस कार्य में जुटे हुए हैं, ताकि वर्षा से पहले मरम्मत पूरी की जा सके।
हरियाणा सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आर.एस. मित्तल ने बताया कि हथिनी कुंड बैराज का निर्माण कार्य 1996 में शुरू हुआ था और 1999 में यह पूरा हो गया था। तब से लेकर अब तक डाउनस्ट्रीम में कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ था। हाल ही में हुई भारी वर्षा के कारण डाउनस्ट्रीम के कंक्रीट ब्लॉक खिसक गए थे, जिनकी मरम्मत तेजी से की जा रही है और इसे कल तक पूरा करने का लक्ष्य है।
उन्होंने यह भी बताया कि बैराज की सुरक्षा के लिए 146 करोड़ रुपये की लागत से काम चल रहा है, लेकिन मानसून के कारण यह कार्य फिलहाल बंद है। मानसून समाप्त होते ही मरम्मत का कार्य फिर से तेजी से शुरू किया जाएगा। उत्तर प्रदेश क्षेत्र में भी डाउनस्ट्रीम की मरम्मत कराई जाएगी, जिससे बैराज की उम्र बढ़ेगी। सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर ने बताया कि “इस मौसम में बैराज पर अधिकतम 56,000 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है, जबकि बैराज के गेट तब खोले जाते हैं जब पानी की मात्रा लाख क्यूसेक से अधिक हो। डेढ़ लाख क्यूसेक पानी आने पर मीडियम फ्लड घोषित होता है और ढाई लाख क्यूसेक आने पर हाई फ्लड माना जाता है। फिलहाल इतने पानी का स्तर नहीं पहुंचा है कि सभी गेट खोलने पड़ें।”
उन्होंने आगे बताया कि जैसे ही पानी की मात्रा एक लाख क्यूसेक तक पहुंचती है, बैराज पर तीन बार सायरन बजाकर पानी छोड़ा जाता है, ताकि यमुना के आसपास के निचले इलाकों के लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें। इसके साथ ही जिला प्रशासन को सूचना दी जाती है और आसपास के क्षेत्रों में मुनादी कराई जाती है।