चंडीगढ़ PGI की चेतावनी: बचपन का मोटापा भविष्य में पैदा कर सकता है गंभीर समस्याएं

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चंडीगढ़: चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर में महिलाओं में बढ़ते मोटापे और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय अभियान ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने महिलाओं में बढ़ रही ऑस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज, मोटापा और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों पर गहरी चिंता व्यक्त की.

“बचपन का मोटापा भविष्य के लिए खतरा”: कार्यक्रम के दौरान पीजीआई के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग प्रमुख प्रो. संजय भदाड़ा ने कहा कि, “बदलती जीवनशैली के चलते महिलाएं और बच्चे दोनों ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर बढ़ रहे हैं. यदि अभी ध्यान नहीं दिया गया तो अगले 20 वर्षों में बचपन का मोटापा दोगुना हो सकता है. मेरी बच्चों के माता-पिता से अपील है कि बच्चों में अनुशासन लाएं, स्क्रीन टाइम कम करें और आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा दें. मोटापा केवल शारीरिक समस्या नहीं, बल्कि यह भविष्य में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हॉर्मोनल असंतुलन जैसी बीमारियों को जन्म दे सकता है.”

“ऑस्टियोपोरोसिस से सतर्क रहें महिलाएं”: वहीं, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को लेकर डॉ. रिमेश पाल ने कहा कि, “मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या तेजी से बढ़ती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में महिलाएं अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन-डी को शामिल करें, नियमित व्यायाम करें और हर दो साल में DEXA स्कैन कराएं ताकि हड्डियों की स्थिति की सही जानकारी आपको रहे.”

गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज का खतरा बढ़ा: महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉ. सोहम मुखर्जी ने कहा कि, “युवतियों और गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज और गर्भावधि मधुमेह का बढ़ना चिंता का विषय है. यह स्थिति ना केवल मां के लिए, बल्कि गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी जोखिमभरी हो सकती है. ऐसे में मेरी महिलाओं से अपील है कि वो नियमित ब्लड शुगर और HbA1c टेस्ट कराते रहें, ताकि समय रहते स्थिति का पता चल सके और इलाज संभव हो.”