शहर का सर्कुलर रोड स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे और एनएच भिवानी के दायरे में आता है। तीन एजेंसियों के अधीन करीब साढ़े चार किलोमीटर दायरे का यह सर्कुलर रोड शहर का सबसे व्यस्त मार्ग भी है जिस पर रोजाना करीब ढाई लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। कई बिंदुओं पर दिनभर जाम के हालात भी बने रहते हैं। सर्कुलर रोड के दायरे में शहर के छह बड़े चौक भी आते हैं। घंटाघर चौक से लेकर हांसी गेट तक के दायरे में करीब पांच सीवर मैनहोल सड़क से नीचे धंसे हुए हैं जबकि रोहतक गेट से बावड़ीगेट और हनुमान गेट होकर हालुवास गेट तक के दायरे में 20 से अधिक सीवर मैनहोल सड़क लेवल से नीचे हैं।
यह हिस्सा दिल्ली–पिलानी नेशनल हाईवे के अधीन भी आता है। इसी तरह बावड़ीगेट क्षेत्र में हाईवे की सड़क कई जगह खतरनाक तरीके से टूटी हुई है जिस पर तेज रफ्तार से आने वाला कोई भी वाहन हादसाग्रस्त हो सकता है। इसके बावजूद इस मार्ग को ठीक करने के नाम पर केवल लीपापोती ही की गई है। जिन हिस्सों को दुरुस्त किया गया है वे भी उबड़-खाबड़ बने हुए हैं। स्पीड ब्रेकर के पास पहुंचते ही वाहनों की रफ्तार अचानक थम जाती है।
सर्कुलर रोड शहर का मुख्य मार्ग है लेकिन इसकी हालत खस्ताहाल ही बनी है। हालांकि इसे कई सड़क एजेंसियों में बांटा जा चुका है लेकिन संबंधित एजेंसी एक-दूसरे पर ही सड़क दुरुस्त कराने को लेकर निर्भर बनी रहती है। सर्कुलर रोड पर वाहन ज्यादा स्पीड से नहीं चल पाते इसकी एक वजह सड़क के बीचोंबीच बने सीवर मैनहोल भी हैं जो लेवल से काफी नीचे हैं। इनमें टायर फंसते ही गाड़ी एक तरफ झुक जाती है। सीवर मैनहोल सड़क के समतल होने चाहिए।
बावड़ी गेट से दादरी गेट तक का सर्कुलर रोड तो इतना खस्ताहाल है कि इसमें कई जगह गहरे गड्ढे बने हैं जिन पर पेचवर्क भी किया जा चुका है। लेकिन वाहनों के दबाव से यही पेचवर्क सड़क को दुर्घटना संभावित बना रहा है। कई जगह तो सड़क के बीच काफी लंबाई तक सड़क तोड़ी गई है जिसे बाद में पेचवर्क के सहारे दुरुस्त करने का प्रयास तो हुआ है लेकिन सड़क समतल होने के बजाए उबड़खाबड़ ही है। यहां वाहन एक तरफ झुक जाते हैं। ई-रिक्शा तो कई बार पलट चुकी हैं।
सर्कुलर रोड पर कई जगह इंटरलॉकिंग टाइल लगाई गई हैं। यह इसलिए किया गया है कि सर्कुलर रोड बार-बार कई जगह से धंस रहा है। इसकी वजह तलाशने के बजाए अधिकारी यहां मलबा डालकर उसे समतल कराते रहते हैं। इससे समय और पैसा दोनों ही बर्बाद हो रहा है। सर्कुलर रोड धंसने की वजह का पता लगाकर उसका स्थायी समाधान कराया जाए ताकि जनता का पैसा सही दिशा में प्रयोग किया जा सके।
सर्कुलर रोड शहर की जीवनरेखा माना जाता है क्योंकि पुराना शहर इसके अंदर बसा है वहीं बाहर की कॉलोनियां बाद में विकसित हुई हैं। सर्कुलर रोड पूरे शहर को जोड़ने का मुख्य जरिया है। इसका दुरुस्त होना बहुत जरूरी है क्योंकि यह मार्ग सबसे व्यस्त मार्गों में शुमार है। यहां दिनभर लाखों वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। सड़क खराब होने की वजह से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।
दिल्ली–पिलानी नेशनल हाईवे के दायरे में आने वाले हिस्से में आरसीसी पैटर्न पर सड़क बनाई गई है जिसके बाद सीवर मैनहोल को भी इनके समतल बनाया गया है। सफेद पट्टी लगाने और पेचवर्क का काम भी समय-समय पर किया जा रहा है। जहां पर भी जरूरत होगी वहां तत्काल प्रभाव से सड़क को दुरुस्त कराया जाएगा।