यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स और सुरक्षाकर्मियों के बीच टकराव, लाठीचार्ज में कई छात्र घायल

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हिसार  : हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा (HAU) के सुरक्षा कर्मचारी और स्टूडेंट के बीच बुधवार देर रात गहमागहमी होने से मामला गर्मा गया। जिसमें सुरक्षा कर्मचारियों के लाठियां चार्ज में कई छात्र घायल हो गए। जिसमें तीन छात्रों को चोटें लगी हैं जबकि कुछ छात्रों के मामूली चोटें लगी है। घायलों को हिसार के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

जानकारी के अनुसार बुधवार को यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके लिए स्टूडेंट्स नारे लगाते हुए वीसी ऑफिस में घुसने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो दोनों के बीच बहस हो गई। बहस ने के बाद सुरक्षाकर्मियों और स्टूडेंट्स के बीच गहमागहमी हो गई। जिसमें सुरक्षाकर्मियों ने लाठी चार्ज कर दी।

बेरहमी से की लाठीचार्ज- घायल छात्र

घायल छात्र दिपांशु ने बताया कि रात को बैठे हुए हुए थे इसी दौरान प्रशासन की टीम पहुंच गई और इसी दौरान कुलपति की गाड़ी भी आ गई थी। उन्होंने कहा कि स्कॉलरशिप का प्रोसेस ऐसा बना दिया है, जिससे स्कॉलरशिप नहीं मिल रही है। जिससे छात्र परेशान थे और इसलिए वे अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए यहां पहुचे थे। छात्रों ने बताया की सुरक्षाकर्मियों ने स्टूडेंट्स पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया। जिसमें कई छात्र घायल हो गए।

सुरक्षा कर्मियों के साथ की मारपीट- यूनिवर्सिटी प्रशासन

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया की आज कुछ छात्रों ने स्कॉलरशिप की मांगों के लिए नारे लगाते हुए वीसी ऑफिस में घुसने की कोशिश की, वहाँ खड़े सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो छात्रों ने उनके साथ मारपीट की और उनकी वर्दी भी फाड़ दी। सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों को खदेड़ने की कोशिश की। पूर्व में इसी मुद्दे पर कुलपति ने छात्रों से मिलने के बाद उनकी मांग पर एक कमेटी का गठन किया था, परंतु छात्रों ने कमेटी से बैठक नहीं की।

छात्रों की ये है मांगे

विश्वविद्यालय प्रशासन की और स्कॉलरशिप को लेकर बदलाव कर दिया गया है पहले पीजी और पीएचडी के स्टूडेंट्स को 75  प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर स्कॉलरशिप मिलती थी। पीजी स्टूडेंट को 6 हजार रुपये स्कारशिप मिलती थी और पीएचडी करने वाले छात्रों को 10 हजार स्कॉलरशिप मिलती थी। अब नए नियम में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लेने वाले सभी छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी, बल्कि इनमें से केवल 25 फीसदी छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाएगी। छात्र इन्हें गलत ठहराते इन नियमों को निरस्त करने की मांग कर रहे थे।