CM सैनी का बयान: PM मोदी की प्रेरणा से गीता जयंती हुई अंतरराष्ट्रीय उत्सव

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अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत सोमवार को धर्मक्षेत्रकुरुक्षेत्र के केशव पार्क में भव्य और ऐतिहासिक वैश्विक गीता पाठ आयोजित किया गया. इस सामूहिक पाठ में 21 हजार बच्चों ने एक स्वर में गीता के श्लोकों का उच्चारण कर वह दिव्य दृश्य प्रस्तुत किया, जिसने पूरे वातावरण को ज्ञान, भक्ति और अध्यात्म से सराबोर कर दिया. इस अभूतपूर्व सहभागिता ने वसुधैव कुटुम्बकम् की भारतीय अवधारणा को साकार रूप दिया.

मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने कहा कि इस शुभ तिथि पर 5163 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को श्रीमद्भगवद् गीता का दिव्य उपदेश दिया था, जिसका संदेश आज भी संपूर्ण मानवता के लिए पथप्रदर्शक है. आज 21 हजार विद्यार्थियों द्वारा अष्टादशी श्लोकों के जाप से आकाश गूंज उठा है. यह गर्व की बात है कि आज भारत के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा अनेक देशों में भी एक साथ इन श्लोकों के स्वर गूंज रहे हैं.

गीता महोत्सव बना अंतरराष्ट्रीय उत्सव

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि गीता पाठ का महत्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी है. वेद, उपनिषद और गीता के मंत्रों के उच्चारण से उत्पन्न होने वाली सकारात्मक ध्वनि तरंगें मन और मस्तिष्क को शांति प्रदान करती हैं, विचारों में नैतिकता लाती हैं और व्यक्ति को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही प्रेरणा से हम गीता जयंती समारोह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाते हैं.

सीएम सैनी ने कहा कि पीएम ने वर्ष 2014 में अमेरिका की अपनी प्रथम यात्रा के दौरान 19 सितम्बर, 2014 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को महादेव देसाई द्वारा लिखित पुस्तक The Gita According to Gandhi भेंट की. इस अद्भुत पहल से प्रेरित होकर हम वार्षिक गीता जयंती समारोह को वर्ष 2016 से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने लगे हैं. इसमें कई देशों के प्रतिभागी और लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं.

उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को प्रधानमंत्री कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल हुए और महाभारत थीम आधारित अनुभव केंद्र का लोकार्पण किया. प्रधानमंत्री ने 28 नवंबर को कर्नाटक के उडुप्पी में भी इस अनुभव केंद्र का उल्लेख करते हुए देशवासियों से इसे देखने का आग्रह किया. आज यह महोत्सव उनके मार्गदर्शन में विश्वव्यापी स्वरूप ले चुका है.

श्रीकृष्ण के उपदेश में कर्तव्य पालन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गीता के अलावा योग को भी पूरे संसार में फैलाने का काम किया है. उन्हीं के प्रयासों से हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में तनाव, क्रोध और अनिश्चितता जैसी कई चुनौतियाँ हैं, जिनसे निपटने के लिए गीता हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में समभाव बनाए रखने की प्रेरणा देती है. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन गीता का पाठ करने वाला व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार से ऊपर उठ जाता है. गीता का प्रत्येक श्लोक ज्ञान का दीप है और प्रत्येक अध्याय जीवन का मार्गदर्शक.

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया कर्मण्येवाधिकारस्ते का उपदेश व्यक्ति को कर्तव्य पालन के मार्ग पर अग्रसर करता है और समाज में अनुशासन व संतुलन स्थापित करता है. यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति इस सिद्धांत को अपने जीवन में उतार ले, तो समाज में अनुशासन, समरसता और संतुलन स्वतः स्थापित हो जाएगा.

गीता का संदेश मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत

नायब सिंह सैनी ने कहा कि गीता का हर श्लोक हमें जीवन जीने की नई प्रेरणा देता है. गीता केवल अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण जी के बीच का संवाद ही नहीं है, यह हमारे हर प्रश्न का समाधान करती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस भी घर में गीता का नियमित रूप से पाठ होता है, वहां पर कभी किसी तरह की कोई नेगेटिव एनर्जी नहीं आ सकती. गीता हमें सिखाती है कि सुख-दुःख, सफलता असफलता, लाभ-हानि जीवन का हिस्सा हैं. इनसे विचलित हुए बिना हमें समभाव बनाए रखना चाहिए. यदि हर व्यक्ति इस शिक्षा को अपने जीवन में उतारे, तो आपसी संघर्ष और तनाव कम होगा.

उन्होंने कहा कि गीता का संदेश कालातीत है—यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है. यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति गीता के उपदेशों को अपनाए, तो कुरीतियाँ, असमानताएँ और संघर्ष स्वतः समाप्त हो जाएंगे और एक आदर्श समाज की स्थापना होगी. गीता के इस संदेश को अपनाकर हम एक दूसरे के साथ बेहतर संबंध स्थापित कर सकते हैं और समाज में समरसता ला सकते हैं. मुख्यमंत्री ने उपस्थिजन को गीता के ज्ञान को समझकर अपने जीवन में अपनाने और इसे दूसरों तक पहुंचाने का संकल्प दिलवाया.

युवाओं को सुसंस्कार देने वाला ग्रंथ- ज्ञानानंद महाराज

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने देश-वासियों का गीता जयंती की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म करने का संदेश दिया. यह सौभाग्य है कि आज के ही दिन कुरुक्षेत्र की भूमि पर गीता जयंती मनाई जा रही है और भगवान श्रीकृष्ण ने भी इसी पावन धरा को उपदेश स्थली के रुप में चयनित किया. पिछले 10 सालों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है. इसका श्रेय केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को जाता है.

आज गीता जयंती के दिन कुरुक्षेत्र के केशव पार्क से जहां 21 हजार विद्यार्थी वैश्विक गीता पाठ कर रहे हैं, वहीं हरियाणा के 114 खंडों के 1 लाख 800 विद्यार्थी, 50 से ज्यादा देशों में भी वैश्विक गीता पाठ को लाखों-करोड़ों लोग देख रहे हैं. सरकार का प्रयास है कि आमजन मानस तक पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को पहुंचाया जाए, क्योंकि पवित्र ग्रंथ गीता में हर समस्या का समाधान है और यह ग्रंथ कर्म करने का संदेश देता है. इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश धारण करने पर युवा पीढ़ी के चरित्र, आत्मविश्वास और कैरियर को आगे बढ़ाने का मार्ग मिलता है.

ज्ञान, विज्ञान, विरासत और विकास- रामदेव

योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि गीता स्थली कुरुक्षेत्र से पूरे विश्व को ज्ञान और संस्कार मिल रहा है. इस पवित्र ग्रंथ गीता में विरासत, विकास, ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का मार्ग मिलता है. इसलिए प्रत्येक मानव को बड़ी सोच रखकर कड़ी मेहनत से आगे बढऩा चाहिए. इस पवित्र ग्रंथ गीता से वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग भी मिलेगा. इस देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवा पीढ़ी का अहम योगदान रहेगा. इसलिए युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जैसे बड़े कार्यक्रमों के साथ-साथ वैश्विक गीता पाठ जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.

रामदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बधाई के पात्र हैं जो अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जैसे आयोजनों को लगातार प्रमोट कर रहे हैं. इसी पावन धरा पर हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण कर्म करने का संदेश दिया. आज युवा पीढ़ी को गीता के उपदेशों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए और अपने अंदर के ज्ञान को जागृत करना चाहिए.

इस मौके पर बाबा भूपेंद्र सिंह, स्वामी मास्टर महाराज, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, राष्ट्रीय डिजाईन संस्थान की निदेशिका डॉ. रमणीक कौर, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने भी अपने विचार सांझा किए. कार्यक्रम में हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, चेयरमैन जयदीप आर्य, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, सीएम के ओएसडी भारत भूषण भारती, स्वामी संपूर्णानंद महाराज, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति करतार सिंह धीमान सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे.