जाट शिक्षण संस्थान पहुंचे CM, बोले 2025 तक नई शिक्षा नीति लागू कर देंगे

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 हिसार।

हिसार में जाट शिक्षण संस्थान का शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सैनी मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे हैं। 21 साल बाद कोई मुख्यमंत्री जाट शिक्षण संस्थान के कार्यक्रम में पहुंचा है। कार्यक्रम में संस्थान के प्रधान दिलबाग पूनिया ने नायब सैनी का पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि आज गौरवपूर्ण दिन है। 100 साल संस्थान के पूरे हो चुके हैं। छाजू राम की 159 जयंती पर बधाई देता हूं। यहां आना मेरे लिए गर्व की बात है। आजादी की लड़ाई के बाद संघर्ष देखा है।

उन्होंने कहा कि सेठ छाजू राम ने दिल खोलकर दान दिया। हिंदू विश्वविद्यालय बनारस, गुरुकुल कांगड़ी व हिसार और रोहतक के शिक्षण संस्थान में दान दिया। हम हरियाणा में नई शिक्षा नीति 2025 तक लागू कर देश में ऐसा करने वाला पहला राज्य बनाएंगे। हरियाणा में 2 लाख युवाओं को पक्की नौकरी देंगे।

CM ने कहा कि विदेशों में पढ़ने के लिए कॉलेज में ही पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं। विदेश में भी रोजगार दिलवा रहे हैं। खेलों में हरियाणा के युवाओं ने कामयाबी के झंडे गाड़े हैं। पीएम की खेल नीति के कारण देश आगे बढ़ रहा है। 2030 तक हरियाणा का युवा हुनरमंद करने का लक्ष्य है। संस्था की जो मांगें हैं सभी को पूरा किया जाएगा। जाट शिक्षण संस्था जो कोर्स खोलना चाहती है, वह पूरा करेंगे।

संस्थान ने उठाई ये मांगें जाट शिक्षण संस्थान ने सीएम के सामने जॉट कॉलेज में बीएससी नर्सिंग, बीएमसी आयुर्वेद, जीएनएम, एमएससी कोर्स शुरू करने की मांग उठाई। इसके लॉ कॉलेज में नए कोर्स शुरू करने व जाट कॉलेज में ही लड़कियों के लिए कबड्डी, कुश्ती और फुटबॉल और लड़कों के लिए कुश्ती व फुटबॉल की खेल नर्सरी खोलने की मांग की गई।

सीएम ने जाट शिक्षण संस्थान को 31 लाख रुपए, शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने 21 लाख और PWD मंत्री रणबीर गंगवा ने 11 लाख रुपए देने की घोषणा की। वहीं इससे पहले भाजपा के जिला महामंत्री सुरेंद्र पूनिया ने कहा- मुख्यमंत्री नायब सैनी की मां दहिया गोत्र से है और उनकी पत्नी का सिंहमार गोत्र है। दोनों गोत्र जाटों के हैं। कहीं न कहीं हमारी संस्कृति मिलती है, इसलिए मुख्यमंत्री से कार्यक्रम के लिए जल्दी समय मिल गया। नलवा से विधायक रणधीर पनिहार ने कहा- मैं 17 नंबर कमरे में पढ़ता था। कॉलेज में आकर आंख में आंसू आ गए। यहां पार्टी विशेष के लोगों को बुलाया जाता था। सावित्री जिंदल के दोनों बेटे यहां पढ़ते थे। यहां एक से एक दानवीर बैठा है।