हरियाणा में शीतलहर का 7वां दिन, 18 जिलों में अलर्ट

99
SHARE

चंडीगढ़।

हरियाणा में 7वें दिन भी शीतलहर का कहर जारी है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने प्रदेश के 18 जिलों में अलर्ट जारी किया है। हालांकि, धूप खिलने से तापमान में मामूली गिरावट आई है। रात के न्यूनतम तापमान में औसतन 0.6 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद भी यह सामान्य से 2.6 डिग्री कम है।

हिसार में सबसे कम 3.0 और सोनीपत में 3.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। प्रदेश में ऐसे हालात का कारण उत्तर पश्चिम से चल रही पहाड़ी हवाएं हैं। लगातार तीसरे दिन हिसार में पारा अन्य जिलों के मुकाबले सबसे कम दर्ज किया गया।

इसी बीच फतेहाबाद में सीजन का पहला पाला जमा देखा गया। हालांकि, दिन में धूप खिलने से लोगों को ठंड से राहत मिल रही है। इन 18 जिलों में शीतलहर का अलर्ट हरियाणा में बढ़ती शीतलहर को देखते हुए 18 जिलों में शीतलहर का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल शामिल हैं। इन जिलों में 10 से 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवाएं चलेंगी। कुछ जगहों पर बादल छाने के भी आसार हैं।

हरियाणा में मौसम में आए बदलाव के कारण प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। रविवार सुबह बहादुरगढ़ की हवा प्रदेश में सबसे प्रदूषित दर्ज की गई। यहां का AQI 211 दर्ज किया गया। वहीं, रोहतक का AQI 185, गुरुग्राम का 177, हिसार का 175, यमुनानगर का 167, घरौंडा का 166, अंबाला का 163, कुरुक्षेत्र का 163 और फरीदाबाद का 162 रहा।

मौसम विशेषज्ञ चंद्रमोहन ने बताया कि पश्चिमी उत्तरी बफीर्ली हवाओं से हरियाणा में ठंड बढ़ी है। हालांकि, आठ से दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के कारण धुंध और कोहरा नहीं छा रहा है। आने वाले दिनों में ऐसा ही मौसम रहने के आसार हैं।

16 दिसंबर के बाद ही मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। इससे तापमान में उतार-चढ़ाव होगा। हालांकि, मौसम खुलने के बाद भी पहाड़ों की हवाओं से आने वाले दिनों में दिन और रात के तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। फतेहाबाद में आधा दिसंबर बीत जाने के बाद पाला जमना शुरू हो गया है। पहाड़ों की तरफ से आ रही उत्तर-पश्चिमी शीत हवाओं के कारण सुबह फतेहाबाद के बीघड़ के खेतों में आज सुबह पाले की सफेद चादर बिछी मिली। यदि पाला ऐसे ही पड़ता है तो इससे क्षेत्र में गेहूं, सरसों और सब्जी की फसल को नुकसान हो सकता है।