चंडीगढ़।
महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अपनी खामियां तलाश रही है। कांग्रेस जिन राज्यों में हारी है, वहां नए सिरे से संगठनात्मक बदलावों पर गौर कर रही है। हरियाणा में कांग्रेस इससे भी अछूती नहीं रहने वाली है। दिल्ली में बुधवार यानी आज राज्य कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को दिल्ली में तलब किया गया है।
दोपहर 2 बजे होने वाली इस अहम बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में हुड्डा परिवार केंद्र में रहेगा, लेकिन गैर-जाट प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
कांग्रेस राज्य में संगठनात्मक स्तर पर कुछ बदलाव कर सकती है, जिसमें सभी सभी जातियों और समुदायों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। कांग्रेस हरियाणा में सिर्फ हुड्डा परिवार पर ही केंद्रित नहीं रहना चाहती है, गैर जाट जाति-समूहों के बड़े नेताओं को जोड़ने की कोशिश करना चाहती है। हुड्डा परिवार के रसूख को हरियाणा में कम करने की कोशिश नहीं की जा रही है। यह उनके नेतृत्व में दूसरे घटकों को भी भागीदारी देने की कोशिश है।
राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस, जाति आधारित प्रतिनिधित्व की बात करती है। जिस तबके की जितनी हिस्सेदारी, उसका उतना प्रतिनिधित्व। कांग्रेस को हरियाणा में कुछ नए चेहरे चाहिए, जो टीम राहुल के हिसाब से काम कर सके।
महिला चेहरे को मिल सकती है वरीयता
हरियाणा प्रभारी बीके हरिप्रसाद कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी SC/ST और OBC को 50 फीसदी आरक्षण देती है। कांग्रेस पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण देती है। कांग्रेस को अपनी जगह लेनी होगी। बीके हरिप्रसाद को हाल ही में हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है। वह राज्यसभा के पूर्व सदस्य रहे हैं। उनका कहना है कि अब कांग्रेस व्यापक आधार वाला संगठन बढ़ने की ओर आगे बढ़ेगा। कांग्रेस ने कुछ दिनों पहले जातीय समीकरणों को साधने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुछ बदलाव किए थे। राजनीति के जानकारों ने इसे कांग्रेस का सोशल इंजीनियरिंग कहा था।
बुधवार की बैठक में नेता विपक्ष के नाम पर चर्चा हो सकती है। विपक्ष के नेता के तौर पर डॉ. रघुबीर कादियान और अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान के भी सियासी भविष्य को लेकर फैसला हो सकता है। कहा जा रहा है कि बीके हरिप्रसाद को अहम जिम्मेदारी इन्हीं वजहों से दी गई है।
राज्य प्रमुख के लिए कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद चौधरी वरुण मुलाना, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अशोक अरोड़ा, राव दान सिंह और गीता भुक्कल जैसे नामों की चर्चा है। कांग्रेस विपक्ष के नेता का दांव जातीय समीकरणों के हिसाब से तय कर सकती है। पहले मंथन इसी पर हो सकता है, बाद में प्रदेश अध्यक्ष का नाम पार्टी तय कर सकती है।