करनाल: हरियाणा के जेल महानिदेशक आलोक राय ने आज, शनिवार को मीडिया प्रतिनिधियों के साथ करनाल जिला जेल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने जेल में बंद कैदियों के रहन-सहन, स्वच्छता व्यवस्था, सुरक्षा इंतजामों और उनके लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान जेल में संचालित वोकेशनल ट्रेनिंग, ITI कोर्स और कौशल विकास से जुड़ी गतिविधियों की भी जानकारी दी गई.
गैंगस्टर कल्चर पर सख्त प्रहार: मीडिया से बातचीत में जेल महानिदेशक आलोक राय ने कहा कि “उनकी नियुक्ति के तुरंत बाद ही जेलों में आपराधिक गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाने की रणनीति तैयार की गई. पहले ही सप्ताह में गैंगस्टर और कुख्यात अपराधियों की पहचान कर उन्हें अलग-अलग जेलों में स्थानांतरित किया गया. इस सख्त कदम का परिणाम यह रहा कि जेल से फिरौती, धमकी, मोबाइल के जरिए अपराध या डराने-धमकाने की कोई भी घटना सामने नहीं आई.”
युवाओं को अपराध से दूर रखने की पहल: आलोक राय ने कहा कि “जेलों में गैंगस्टर कल्चर को खत्म करना इसलिए जरूरी था, ताकि युवा पीढ़ी उनकी ओर आकर्षित न हो. पहली बार जेलों में गैंगस्टर को भी साफ-सफाई और अन्य सुधारात्मक कार्यों से जोड़ा गया. जिससे अपराध के प्रति उनका आकर्षण कम हुआ”. उन्होंने यह भी दावा किया कि “पिछले चार महीनों से सोशल मीडिया पर किसी भी गैंगस्टर की कोई सक्रियता नहीं देखी गई है”.
मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान: एक सवाल के जवाब में जेल महानिदेशक ने बताया कि “जेल में आने वाले लगभग 60 प्रतिशत कैदी मानसिक तनाव और अवसाद से जूझते हैं. कई बार परिस्थितियों के चलते उनसे अपराध हो जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए हर जेल में काउंसलर नियुक्त किए गए हैं, ताकि कोई भी कैदी अवसाद में आकर आत्मघाती कदम न उठाए.
सजा के साथ सुधार की सोच: आलोक राय ने कहा कि “भारतीय न्याय व्यवस्था केवल सजा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि कैदियों के सुधार पर भी जोर देती है. जेल विभाग का उद्देश्य है कि सजा पूरी करने के बाद कैदी समाज की मुख्यधारा में लौटें और एक बेहतर जीवन जी सकें”.
कौशल प्रशिक्षण से आत्मनिर्भरता की राह: उन्होंने बताया कि “हरियाणा जेल विभाग ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के साथ समझौता किया है. इसके तहत जेलों में वोकेशनल ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले कैदियों को HKRN पोर्टल पर रजिस्टर किया जाएगा. जिससे रिहाई के बाद उन्हें रोजगार के अवसर मिल सकें. गुरुग्राम, अंबाला, करनाल, पानीपत और फरीदाबाद की जेलों में वोकेशनल ट्रेनिंग के साथ-साथ आईटीआई कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं.”
नई जेलें और आधुनिक सुविधाएं: जेल महानिदेशक ने बताया कि हरियाणा की जेलों की वर्तमान क्षमता 23 हजार कैदियों की है, जबकि फिलहाल करीब 27 हजार कैदी जेलों में बंद हैं”. उन्होंने जानकारी दी कि “रेवाड़ी में नई जेल बनकर तैयार हो चुकी है. इसके अलावा, रोहतक में एक अत्याधुनिक हाई सिक्योरिटी जेल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जो अगले चार महीनों में पूरा हो जाएगा. साथ ही फतेहाबाद और पलवल में नई जेलें निर्माणाधीन हैं, जबकि अंबाला और पंचकूला में भी नई जेलों का निर्माण प्रस्तावित है.”
विभाग का स्पष्ट लक्ष्य: आलोक राय ने कहा कि “विभाग का लक्ष्य है कि जेल में आने वाले हर व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार की ट्रेनिंग दी जाए. ताकि रिहाई के बाद वह आत्मनिर्भर बन सके. इससे न केवल उसे रोजगार मिलेगा, बल्कि वह समाज की मुख्यधारा में सम्मान के साथ लौट सकेगा”.

















