करोड़ हुए खर्च, लेकिन सिर्फ कागजों में…. कैथल के हाई प्रोफाइल सफाई घोटाले में अब तक 16 गिरफ्तार, ठेकेदार फरार

SHARE

 कैथल। जिला परिषद में करोड़ों रुपये के हाई प्रोफाइल सफाई घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अब तक 16 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार होने वालों में मुख्य आरोपित डिप्टी सीईओ जसविंद्र सिंह, एसडीओ नवीन सहित जेई, अकाउंटेंट व फर्म ठेकेदार शामिल हैं।

हालांकि, डिप्टी सीईओ समेत सभी को हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इन आरोपितों के समय का रिकार्ड भी एसीबी ने कब्जे में ले लिया है। करीब 2000 पेज का यह रिकॉर्ड है। इन दस्तावेजों में आरोपितों के साथ-साथ अन्य के हस्ताक्षर के मिलान के लिए लैब में जांच को भेजा जाएगा। इस मामले में केवल आरोपित फर्म ठेकेदार प्रवीण सरदाना की गिरफ्तारी शेष है।

गिरफ्तारी न होने पर घोषित किया जाएगा भगोड़ा

आरोपित प्रवीण की गिरफ्तारी को लेकर अदालत की तरफ से वारंट जारी किए गए हैं। 12 अगस्त तक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होती या फिर स्वयं पेश नहीं होता तो इसके बाद भगोड़ा घोषित किया जाएगा। आरोपित पर इनाम भी एसीबी की तरफ से रखा जाएगा।

एसीबी अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार प्रवीण की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में दो से तीन अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। इनमें विभाग के कर्मचारी या ठेकेदार भी हो सकते हैं। एसीबी की टीम अब तक ढाई करोड़ रुपये की जमीन जब्त करने के साथ-साथ 60 लाख की राशि आरोपितों से बरामद कर चुकी है।

वर्ष 2021 में जिला परिषद में 31 करोड़ 64 लाख की राशि आई थी। इसमें से करीब 10 करोड़ की राशि गांव में स्वच्छता अभियान पर खर्च होनी थी। राशि कागजों में तो खर्च हो गई, लेकिन गांव में सफाई नहीं हुई और फर्जी बिल तैयार कर आठ फर्मों को राशि जारी कर दी। इस पर भाजपा के विधायक लीला राम भी सवाल उठा चुके थे।

इन आरोपितों की हो चुकी है गिरफ्तारी
इस मामले में अब तक एसीबी ने पंचायती राज विभाग के एसडीओ नवीन गोयल, जेई जसबीर सिंह, एकाउंटेंट कुलवंत सिंह, ठेकेदारों में दिलबाग सिंह, अभय संधू, पूंडरी निवासी राजेश, अनिल, ठेकेदार रोहताश, तिलक, सुमित मिगलानी, कमलजीत, शेखर को गिरफ्तार किया जा चुका है।