दादूपुर-नलवी नहर का डी-नोटिफाई करने से किसानों को भारी नुकसान, खेतों में भरा पानी, फसलों बर्बाद

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यमुनानगर  : हरियाणा सरकार द्वारा दादूपुर-नलवी नहर परियोजना को डी-नोटिफाई किए जाने के बाद किसानों की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में हुई भारी बारिश ने इस समस्या को और भी गहरा कर दिया है। नलवी नहर का पानी खेतों में भर गया है, जिससे सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। इस आपदा से प्रभावित किसानों में गहरा रोष व्याप्त है।

किसानों ने की प्रेस वार्ता, सरकार से फिर जताई मांग

प्रभावित किसानों ने इस गंभीर समस्या को लेकर एक प्रेस वार्ता की और सरकार से अनुरोध किया कि दादूपुर-नलवी नहर का निर्माण कार्य शीघ्र पुनः शुरू किया जाए। किसानों का कहना है कि जिन लोगों ने पैसे वापस लेकर नहर को बंद कर खेतों में खेती शुरू कर दी है, उससे न केवल उनके बल्कि आसपास के किसानों की फसलें और गांव को भी भारी नुकसान हो रहा है। किसानों ने स्पष्ट किया कि वे सरकार के साथ हैं, लेकिन सरकार को उनकी तकलीफों को समझते हुए इस मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बारिश का मौसम और तेज हुआ, तो खेतों में लगी धान की फसल पूरी तरह तबाह हो जाएगी।

किसानों की चिंता: फसलों का डूबना और कर्ज में फंसना

किसानों ने बताया कि वर्तमान में धान की बुआई शुरू हो चुकी है और आगामी दिनों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। अगर नलवी नहर के पानी को नियंत्रित नहीं किया गया, तो फसलें डूब सकती हैं और किसान आर्थिक रूप से पूरी तरह कर्ज में डूब जाएंगे।

नहर को ही समाधान बताया

किसानों ने नहर को समस्या का एकमात्र समाधान बताया। उनका कहना है कि यदि नहर का निर्माण पूरा हो जाता है, तो बारिश का पानी सही दिशा में मोड़ा जा सकेगा और खेतों को जलभराव से बचाया जा सकेगा।

किसानों को भारी आर्थिक नुकसान

दादूपुर-नलवी नहर को डी-नोटिफाई करने के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उनकी मेहनत और भविष्य दांव पर लगा है। किसानों की मांग है कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द नहर के निर्माण कार्य को पुनः शुरू कराए, ताकि भविष्य में बाढ़ जैसी आपदा से बचा जा सके और फसल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।