भिवानी। प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने शुक्रवार को जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक के दौरान विभिन्न मामलों में शीघ्र कार्रवाई के आदेश दिए। बैठक में आबकारी कराधान विभाग के अधिकारियों को आदेश देते हुए उन्होंने कहा कि जब पूरा गांव चाहता है कि वहां शराब ठेका नहीं होना चाहिए, तो सात दिन के अंदर इसे हटवाया जाए।
यह आदेश बहल क्षेत्र के गांव हरियावास के ग्रामीणों की शिकायत के बाद दिया गया, जहां शराब ठेका के कारण असामाजिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ गई थीं। इससे महिलाओं और बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। एसडीएम मनोज दलाल ने भी शराब ठेका हटाने की अनुशंसा की थी, जिस पर मंत्री ने पॉलिसी की परवाह किए बिना तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस बैठक में कुल 14 परिवाद रखे गए थे, जिनमें से नौ का समाधान मौके पर ही किया गया।इस दौरान भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ, बवानीखेड़ा के विधायक कपूर सिंह बाल्मीकि, बीजेपी जिला अध्यक्ष वीरेंद्र कौशिक, डीसी साहिल गुप्ता, एसपी सुमित कुमार और एडीसी दीपक बाबूलाल करवा भी मौजूद थे।
निजी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का मुद्दा उठाया
फैंसी चौक क्षेत्र निवासी धर्म सिंह ने मंत्री के समक्ष कहा कि उनकी पत्नी को बिना विशेषज्ञ चिकित्सक के ही आईसीयू में भर्ती कर दिया। एक नवंबर को उनकी पत्नी की मौत हो गई। जिसका वीडियो भी नेक्लीजेंसी कमेटी को दिया गया। जिलास्तरीय कमेटी ने रिपोर्ट में निजी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही भी मानी, मगर अधिकारियों ने रिपोर्ट भ्रमित करने वाली दी। सीएमओ डॉ रघुवीर शांडिल्य ने भी मंत्री के समक्ष माना कि शिकायतकर्ता के आरोप सही हैं और रिपोर्ट भी शिकायतकर्ता के पक्ष में दी गई है लेकिन एसपी सुमित कुमार ने कहा कि इस मामले में रोहतक पीजीआई से रिपोर्ट को लेकर सलाह मांगी है। इसके आने के बाद आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों ने दस रुपये का डीजल और एक इंच पाइप नहीं डाला…
इसके अलावा, मंत्री के समक्ष एक अन्य मामला भी आया, जिसमें गांव तालू के निवासी विनोद ने जलभराव के कारण नष्ट हुए हरे पेड़ों की शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने खेत से पानी निकालने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। दस रुपये का डीजल और एक इंच पाइप तक नहीं डाला। मंत्री ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि समस्या का समाधान किसान ने सुझाया है जबकि तकनीकी अधिकारी इसे सुलझाने में विफल रहे हैं। मंत्री ने इस मामले में अधिकारियों की एक कमेटी गठित की और तीन दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
नहीं बनी सहमति, तकसीम रिपोर्ट का इंतजार
वहीं, गांव आसलवास मरहेटा में एक किसान धन सिंह की शिकायत पर सांझा खाता के खेत में ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर मध्यस्थता की कोशिश की गई, लेकिन मामला हल नहीं हो पाया। मंत्री ने नायब तहसीलदार को जल्द तकसीम रिपोर्ट देने का आदेश दिया, ताकि मामला सुलझाया जा सके।
धोखाधड़ी मामले में एसपी से हस्तक्षेप के लिए कहा
धोखाधड़ी के एक मामले में शिकायतकर्ता संदीप कौशिक ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए थे, जिसमें पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में जरूरी दस्तावेज गायब थे। मंत्री ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा और पुलिस अधीक्षक ने इसे अपनी निगरानी में लेने का आश्वासन दिया। पुलिस ने अब तक इस मामले में सात में से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
सड़क हादसा या हत्या… जांच करेंगे डीएसपी क्राइम
एक अन्य मामला सड़क हादसे और हत्या के बीच फंसा था, जिसमें सुनीता के पति की सड़क हादसे में मौत हो गई थी, जबकि उसके पिता ने इसे हत्या का मामला बताया था। इस पर मंत्री ने डीएसपी क्राइम से जांच कराने का आदेश दिया और कहा कि यह अंतिम जांच होगी, जिसे सभी को मानना पड़ेगा।

















