डाइवर्स होराइज़न्स: चंडीगढ़ में भारतीय और कोरियाई कलाकारों की अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी

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चंडीगढ़: चंडीगढ़ सेक्टर-10 स्थित गवर्नमेंट म्यूज़ियम एवं आर्ट गैलरी में अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी “डाइवर्स होराइज़न्स” का आयोजन किया जा रहा है. यह प्रदर्शनी चंडीगढ़ ललित कला अकादमी द्वारा अकादमी ऑफ विज़ुअल मीडिया, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित की गई है. प्रदर्शनी में भारत और दक्षिण कोरिया के चयनित कलाकारों की समकालीन कलाकृतियों को एक साथ प्रदर्शित किया गया है, जो कला प्रेमियों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

दर्शकों के लिए 21 दिसंबर तक खुली रहेगी प्रदर्शनी: यह अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी दर्शकों के लिए 21 दिसंबर तक खुली रहेगी.जिसे देखने बड़ी संख्या में छात्र, कलाकार और कला प्रेमी पहुंच रहे हैं. ये प्रदर्शनी हर दिन सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा.

सांस्कृतिक संवाद का मंच: “डाइवर्स होराइज़न्स” प्रदर्शनी के माध्यम से भारतीय और कोरियाई कलाकारों के बीच सांस्कृतिक संवाद और रचनात्मक सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रदर्शनी में जीवन, अस्तित्व, समय, प्रकृति और विविध सामाजिक अनुभवों को कलात्मक अभिव्यक्ति के जरिए प्रस्तुत किया गया है. यह प्रदर्शनी विविधता के बीच एकता के भाव को भी सशक्त रूप से दर्शाती है.

अंतरराष्ट्रीय सहयोग की परंपरा: अकादमी ऑफ विज़ुअल मीडिया और कोरिया-इंडिया कंटेम्पररी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन पिछले दो दशकों से भारत और कोरिया में संयुक्त कला प्रदर्शनियों, आर्ट कैंप और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते आ रहे हैं. चंडीगढ़ ललित कला अकादमी भी लगातार ऐसे अंतरराष्ट्रीय कला आदान-प्रदान कार्यक्रमों को समर्थन देती रही है.

फाइबर ग्लास से बनी की कलाकृति: प्रदर्शनी में शामिल कलाकार राजेंद्र कुमार ने अपनी कलाकृति के बारे में बताया कि, “हमने फाइबर ग्लास से अपने कल्चर को दर्शाती एक स्कल्पचर तैयार की है. इस कलाकृति को बनाने में 15 से 20 दिनों का समय लगा. इसकी कीमत लगभग 70 हजार रुपये रखी गई है. बुद्ध की थीम पर आधारित इस कृति का नाम “तट निरंजन” है, जो उस स्थान को दर्शाती है जहां बुद्ध ने अपनी प्यास बुझाई और समय बिताया था.

पुरानी कड़ाही पर आधारित कलाकृति: वहीं, कलाकार चरणजीत सिंह ने अपने आर्ट पीस के बारे में बताया कि, मेरी कलाकृति एक पुरानी कड़ाही पर आधारित है, जो मेरी मां के समय की है. मैंने मां के गुजर ने के बाद उनके प्यार और मजबूती को इस कड़ाही के माध्यम से दर्शाया है. कड़ाही के बीच लोहे की पाइपों से बनाए गए फूल बच्चों के रूप को दर्शाते हैं. इस एकल कलाकृति को बनाने में उन्हें 10 से 15 दिन लगे. इसकी कीमत लगभग 35 हजार रुपये रखी गई है.”

कला प्रेमियों के लिए खास मौका: कला प्रेमियों के लिए यह प्रदर्शनी भारतीय और कोरियाई समकालीन कला को नजदीक से देखने और समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान कर रही है. “डाइवर्स होराइज़न्स” न केवल कलात्मक विविधता को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक सांस्कृतिक एकता का भी संदेश देती है.