हरियाणा में डॉक्टर हड़ताल, मरीजों को अस्पतालों में हुई परेशानियों का सामना

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गुड़गांव  : अपनी मांगों को लेकर हरियाणा सिविल सर्विसेज एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश भर के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों द्वारा सीधे तौर पर एसएमओ भर्ती रोकने और एसीपी ग्रेड लागू करने की मांग की जा रही है। इस हड़ताल का सीधा असर मरीजों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों को दवा के स्थान पर केवल धक्के खाने को मिल रहे हैं। हालांकि सिविल अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने के लिए पीएमओ डॉ लोकवीर सिंह आगे आए और उन्होंने एडमिनिस्ट्रेशन के कार्य में लगे डॉक्टरों और इंटर्न के सहारे व्यवस्था संभालने का प्रयास तो किया, लेकिन यह प्रयास नाकाफी रहे। सुबह से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे मरीजों को परेशान ही होना पड़ा

अस्पताल में आए मरीजों अंजलि, ललन पासवान, अमन, तुलसी देवी, पायल, सन्नी सहित अन्य ने बताया कि वह सुबह से ही अस्पताल में आए हुए हैं।घंटों लाइन में लगकर उन्होंने रजिस्ट्रेशन कार्ड तो बनवा लिया, लेकिन जब वह ओपीडी में गए तो पता लगा कोई डॉक्टर ही नहीं है। यहां वह परेशान होकर जब अस्पताल प्रबंधन से बात करने पहुंचे तो उन्होंने जल्द ही डॉक्टरों को ओपीडी में भेजने की बात कही,लेकिन दोपहर तक हालात जस के तस रहे। दोपहर को पीएमओ की तरफ से इंटर्न के सहारे मरीजों को दवाएं दी गई।

पीएमओ डॉ लोकवीर की मानें तो सिविल अस्पताल में व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है। डॉक्टरों की डायरेक्टर एसएमओ भर्ती की मांग को सरकार पहले ही मान चुकी है, जिसके कारण ज्यादातर डॉक्टर हड़ताल में शामिल नहीं हुए। हालांकि सुबह 120 डॉक्टरों में से 70 ने हड़ताल करनी थी, लेकिन ज्यादातर डॉक्टर ड्यूटी पर लौट आए हैं। सरकार और एसोसिएशन की बात चल रही है। आशा की जा रही है कि दो दिन की हड़ताल आज ही शाम को समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस हड़ताल का असर इमरजेंसी सेवाओं पर नहीं है। प्रयास है कि सभी मरीजों को दवा देकर भेजा जाए।