हिसार: हरियाणा के हिसार में भारी बारिश से जबरदस्त जलभराव की स्थिति बनी हुई है. भारी जलभराव के कारण ड्रेन टूटने से उत्पन्न जल भराव की समस्या को लेकर शुक्रवार को जिला पार्षदों की आपात बैठक भी हुई. बैठक में जलभराव की समस्या से निपटने को लेकर अहम फैसले लिए गए. हिसार में किसानों को बारिश से कम और ड्रेन टूटने से ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीं, गंगवा गांव में भी बरसात से ड्रेन टूटने से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई. किसानों को भारी नुकसान हुआ है. हजारों ग्रामीणों की सहायता से प्रशासन की टीम व एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और पूरा दिन ड्रेन पाटने का काम किया गया.
ग्रामीणों-अधिकारियों ने शुरू किया काम
इस दौरान मनरेगा के तहत ग्रामीणों ने मिट्टी डालकर ड्रेन पाटने के काम किया. इस काम में महिलाएं और पुरुष सभी शामिल रहे. खंड कार्यक्रम अधिकारी मोनिका ने कहा कि “यहां मनरेगा सिंचाई विभाग एनडीआरएफ की टीमों ने मिलकर काम किया है”. वहीं, किसानों का कहना है कि “खेतों में पानी भरने से धान, कपास और बाजरे की फसल नष्ट हो गई है. पानी निकासी के इंतजाम किए जाए”. किसानों ने सरकार से मुआवजे की भी मांग की है.
ड्रेन का पानी खेतों में
ग्रामीणों ने बताया कि “ड्रेन टूटने से 500 एकड़ फसल जलमग्न हो गई है. ड्रेन को पाटने के लिए ग्रामीणों की मदद ली. लेकिन ड्रेन का पानी खेत में लगातार जा रहा था. इस दौरान एनडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया. टीम ने मनरेगा मजदूरों और ग्रामीणों के सहयोग से उसे पाटने का काम किया”. बताया जा रहा है कि इससे पहले ड्रेन अन्य स्थानों से टूट चुकी है. ड्रेन करीब 10-12 फुट की गहराई पर और पानी ओवर फ्लो चल रहा है. अगर बारिश आती है तो ड्रेन लगातार ओवर फ्लो होकर टूट जाती है.
सैकड़ों ढाणियां खाली
ग्रामीणों ने बताया कि “गंगवा गांव की ड्रेन को पहले से ही रिपेयर नहीं किया गया, जिसके चलते भारी नुकसान हो गया है. 5-6 गांवों को हालात बदतर हो चुके हैं. ड्रेन की सफाई समय से पहले की जाती तो हालात इतने नहीं बिगड़ते. गंगवा गांव में 100-200 ढाणियां खाली हो चुकी है. भारी जलभराव के कारण लोगों ने पलायन कर लिया है. घरों के अंदर भी 5-6 फीट तक पानी भर गया है. प्रशासन ने पहले कोई सुध नहीं ली, जब इतना नुकसान हो गया है तब प्रशासनिक अधिकारी जाग रहे हैं”.
किसानों पर मानसून की दोहरी मार
किसानों ने बताया कि “किसानों पर तो दोहरी मार पड़ रही है. खेत और मकान जलमग्न हो गए हैं. पहले ही किसान कर्जे में डूबा हुआ था. सरकार को पूरी तरह से किसानों की आर्थिक मदद करनी चाहिए. अभी भी पूरी तरह से ड्रेन बंद नहीं हुई है. लेकिन जितनी भी बंद हुई है, वे भी केवल ग्रामीणों ने खुद की है”. इस दौरान ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ रोष है. किसानों का कहना है कि “सरकार के जो अधिकारी यहां पर पहुंच भी रहे हैं, वे विपक्षी नेताओं के यहां आने के बाद पहुंच रहे हैं. सरकार और प्रशासन को डर है कि उनकी विकास के नाम की पोल खुलती नजर आ रही है”.
‘अधिकारी फील्ड में कर रहे राहत कार्य’
डीसी अनीश यादव ने कहा कि “बरसात के कारण ज्यादा पानी आने से ड्रेन टूटी है. पीछे से पानी का फ्लो भी ज्यादा है. मजदूर इस ड्रेन के पानी को काबू करने का काम कर रहे हैं. कैमरी गांव तक पानी पहुंचने की संभावना है. जल प्रभावित वाले एरिया को पहले ही खाली किया गया है. पानी करीब 500 क्यूसेक से डबल चल रहा है. जिले में भारी बारिश हुई है और पीछे से भी पानी ज्यादा आने की वजह से गांव में पानी भर गया है. अधिकारी फील्ड पर हैं, लोगों की जरूरतों के मुताबिक काम किया जा रहा है”.

















