इमरजेंसी वार्ड में ई-रिक्शा ले गया ड्राइवर, चादर लगाकर कराई डिलीवरी; पानीपत से हैरान करने वाला मामला

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 पानीपत। जिला नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में रविवार सुबह एक गर्भवती ने ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दे दिया। चालक गर्भवती की हालत को देखते हुए ई-रिक्शा को सीधे इमरजेंसी वार्ड में ले गया। उसने डॉक्टरों को आवाज लगाई तो नर्सिंग ऑफिसर दौड़कर आई। नर्सिंग आफिसर ने ई-रिक्शा के चारों ओर चादर लगाकर डिलीवरी कराई। जच्चा बच्चा को प्रसूति वार्ड में शिफ्ट किया। बच्चे की हालत गंभीर है। सिविल सर्जन ने दोनों ही केस के बारे में डॉक्टरों से जानकारी ली और इनके अध्ययन के निर्देश जारी किए हैं।

वहीं, दूसरी ओर अस्पताल के गेट पर एक प्रसूता ने आटो में ही बच्चे को जन्म दिया। गर्भवती जैन चौक से आई थी। सेक्टर-छह वाली रेलवे फाटक 15 मिनट बंद थी। अस्पताल में पहुंचने में देरी हो गई। प्रसव पीड़ा के बाद गर्भवती ने गेट पर ही बच्चे को जन्म दिया। सैनी कालोनी निवासी 26 वर्षीय सरिता नौ माह की गर्भवती थी। रविवार सुबह आठ बजे प्रसव पीड़ा हुई। पति मुकेश उसे ई-रिक्शा से जिला नागरिक अस्पताल में ला रहा था।

अस्पताल के गेट पर पहुंचने तक बच्चा आधा बाहर आ चुका था। सरिता दर्द से करहा रही थी। चालक ई-रिक्शा को सीधा इमरजेंसी वार्ड में ले गया। यहां चालक ने शोर मचाया तो नर्सिंग आफिसर पहुंची। यहां डॉक्टर की देखरेख में प्रसव संपन्न करायाऔर दोनों को प्रसूति वार्ड में भिजवाया। डॉ. शशिलता व डॉ. आरती की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है।

वहीं, शनिवार देर शाम को जैन चौक निवासी 30 वर्षीय गर्भवती को प्रसव पीड़ा हुई। पति उसे ऑटो से जिला नागरिक अस्पताल के लिए लेकर चल पड़े। करीब 8:30 बजे सेक्टर छह वाली फाटक बंद हो गई। 15 मिनट तक आटो यही रुकी रही। इस दौरान महिला की हालत ज्यादा खराब हो गई। महिला ने आटो में ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दे दिया। इन दोनों का भी प्रसूति वार्ड मे इलाज चल रहा है।

15 दिन में आठ गर्भवतियों ने दिया गेट पर बच्चे को जन्म

पिछले 15 दिन में आठ गर्भवतियों ने जिला नागरिक अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म दिया है। शनिवार व रविवार को भी दो गर्भवतियों ने बच्चे को जन्म दिया है। इन केस के अध्ययन में यह पता चला है कि स्वजन गर्भवतियों को देरी से स्वास्थ्य केंद्रों में लेकर आते हैं। वह डॉक्टर के परामर्श को गंभीरता से नहीं लेते। इस संबंध में डॉक्टर स्वास्थ्य केंद्रों में शिविर लगाकर गर्भवतियों को जागरूक भी कर रहे हैं।

दोनों महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी ली है। जच्चा व बच्चा स्वस्थ है। इन केस का भी अध्ययन किया जाएगा। गर्भवतियों के स्वजन से अपील है कि वह डिलीवरी से लगभग 24 घंटे पहले अस्पताल में लेकर आए, ताकि सही से डिलीवरी हो सके।