जींद : शाम 7:45 बजे: जींद के लघु सचिवालय में आज शाम 5 बजे ज़िला प्रशासन द्वारा एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस ड्रिल का उद्देश्य युद्धकालीन परिस्थितियों, जैसे ड्रोन हमले, में बचाव और राहत कार्यों की तैयारियों को परखना था। मॉक ड्रिल के दौरान एक अनोखा वाकया सामने आया, जब नेहरू युवा केंद्र (एनवायकेस) के सदस्य अमित को डमी मरीज़ के तौर पर घायल दिखाया गया।
मॉक ड्रिल में लघु सचिवालय पर ड्रोन हमले का अनुकरण किया गया, जिसमें एक बरामदा नष्ट होने और आगजनी की स्थिति दर्शाई गई। अग्निशमन विभाग ने आग पर काबू पाया, जबकि एनसीसी कैडेट्स, होम गार्ड के जवान और स्वयंसेवकों ने घायलों को निकालने और प्राथमिक उपचार देने का अभ्यास किया।
मॉक ड्रिल के दौरान अमित को डमी मरीज़ के रूप में चुना गया। उन्हें एम्बुलेंस में डालकर जींद के सिविल अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल की इमरजेंसी में दाखिल होने पर अमित घबरा गए, जिसके कारण उनका ब्लड प्रेशर (बीपी) 150 तक पहुँच गया। डॉक्टरों ने तुरंत उनकी स्थिति की जाँच की और कुछ देर बाद उनकी हालत सामान्य होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका
मॉक ड्रिल में एसडीएम सत्यवान सिंह मान, डीएसपी जितेंद्र राणा, स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने बताया, “इस मॉक ड्रिल में हमने ड्रोन हमले की स्थिति में आगजनी और घायलों के बचाव का अभ्यास किया। सभी 20 डमी मरीज़ों को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुँचाया गया, और सीएमओ को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए सूचित किया गया।”
डीएसपी जितेंद्र राणा ने कहा, “हमारे करीब 70 कर्मचारी मौके पर तैनात थे। हमने प्रशासन और डॉक्टरों के साथ मिलकर सभी डमी मरीज़ों को सुरक्षित निकाला और प्राथमिक उपचार सुनिश्चित किया।”
मॉक ड्रिल का महत्व
यह मॉक ड्रिल प्रशासन, पुलिस, और अन्य विभागों के बीच समन्वय को मज़बूत करने और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित कार्रवाई की तैयारियों को परखने के लिए आयोजित की गई थी। अमित के बीपी बढ़ने का वाकया इस ड्रिल की वास्तविकता और गंभीरता को दर्शाता है, जिससे प्रशासन को अपनी तैयारियों को और बेहतर करने का मौका मिला।