हरियाणा में बदल सकती है चुनाव की तारीख, BJP-INLD की मांग पर विचार कर रहा आयोग

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चंडीगढ़।
हरियाणा में एक अक्टूबर के लिए प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की वोटिंग की तारीख बदल सकती है। भाजपा और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने चुनाव आयोग को चिट्ठी भेजकर छुटि्टयों और बिश्नोई समाज के धार्मिक कार्यक्रम का हवाला देकर तारीख बदलने की मांग की थी, जिस पर चुनाव आयोग विचार कर रहा है।
संभावना है कि चुनाव आयोग हरियाणा में 1 अक्टूबर के बजाय 7 या 8 अक्टूबर को वोटिंग कराए। ऐसा होने पर जम्मू-कश्मीर की मतगणना की तारीख भी बदल सकती है। हालांकि इस पर जो भी फैसला होगा, वह मंगलवार को ही लिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने चुनाव आयोग को लिखे लेटर में कहा था- छुटि्टयों के दौरान चुनाव हुए तो वोटिंग प्रतिशत पर असर पड़ेगा।
इसके बाद कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, ‘भाजपा की आंखों के तारे (इनेलो) और सितारे (जेजेपी)। जहां भाजपा, वहां इनेलो-जजपा।’
दीपेंद्र पर पलटवार करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा, ‘हकीकत में तो आप ही हो एक-दूसरे के प्यारे, तभी तो राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारे।’
वहीं कुमारी सैलजा ने कहा, ‘छुट्टी होना तय है, इसलिए छुट्टी का बहाना बना रहे हैं।’ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा कि 28 से 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है।
बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है।
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने लेटर में लिखा, चूंकि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है।
इसके अलावा, चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए।
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