देश में स्वच्छ ऊर्जा और परिवहन क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, उत्तर भारत का पहला कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग एवं चार्जिंग स्टेशन सोनीपत के गन्नौर में स्थापित किया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को गन्नौर के गांव पांची गुजरान स्थित दिल्ली इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल (DICT) में इस आधुनिक सुविधा का उद्घाटन करेंगे। यह स्टेशन भारी-भरकम ट्रकों को डीजल के बजाय बैटरी से चलाने की नई शुरुआत है।
पहले चरण में 25 इलेक्ट्रिक ट्रक पहुंचे
जानकारी के मुताबिक, सोनीपत के दिल्ली इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल (डीआईसीटी) गन्नौर में करीबन 350 कॉमर्शियल वाहन हैं, जो अलग-अलग हिस्सों में सामान को पहुंचाने का काम करते हैं। सभी वहां डीजल के हैं अब धीरे-धीरे इनको बैटरी से चलने वाले वाहनों में तब्दील किया जा रहा है। पहले चरण में 25 इलेक्ट्रिक ट्रक पहुंच चुके हैं और टोटल 75 पहुंचने हैं। एनर्जी इन मोशन कंपनी का रविंद्रा एनर्जी लिमिटेड कंपनी के साथ 50% की हिस्सेदारी है।
इस प्रोजेक्ट में शामिल Beiqi FOTON Motor चीन की एक बड़ी कंपनी है, जो हर साल लाखों ट्रक और बसें बनाती है। साल 2024 में FOTON ने 6 लाख से ज्यादा व्यवसायिक वाहन बेचे थे। अब यही तकनीक भारत में भी इस्तेमाल की जाएगी ताकि यहां के ट्रक आधुनिक और पर्यावरण हितैषी बन सकें।
प्रमुख तथ्य
पर्यावरण के लिए लाभ: देश में ट्रक कुल वाहनों का केवल 4% हैं, लेकिन ये 30% कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। इलेक्ट्रिक ट्रकों के उपयोग से प्रदूषण में भारी कमी आएगी।
तकनीक और लागत: अब तकनीक और बैटरी की कीमतें इतनी कम हो गई हैं कि इलेक्ट्रिक ट्रक बिना किसी सरकारी सहायता के भी डीजल ट्रकों से सस्ते होंगे।
बैटरी स्वैपिंग सुविधा: ड्राइवर ट्रक की बैटरी को केवल 5 मिनट में स्वैप कर सकते हैं, जिससे लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता।
ऊर्जा स्रोत: इन स्टेशनों में उपयोग होने वाली बिजली रविंद्रा एनर्जी की सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं से प्राप्त होगी, जो पूरी प्रक्रिया को पर्यावरण के अनुकूल बनाती है।
भारी लोड और दूरी: यह ट्रक 40 टन तक का लोड उठा सकते हैं और एक बार चार्ज पर 180 किलोमीटर तक चल सकते हैं।
भविष्य की योजना
2030 तक उत्तर भारत में 7,000 इलेक्ट्रिक ट्रक चलाने का लक्ष्य है। इसके लिए लगभग 250 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें 2027 तक 45 और स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, खासकर सीमेंट, स्टील और माइनिंग क्षेत्रों में।
विशेषताएं
- इलेक्ट्रिक ट्रक डीजल वाहनों के समान लोड उठाने में सक्षम हैं।
- बिजली की लागत कम है और एनजीटी टैक्स से मुक्त हैं।
- प्रदूषण रहित होने के कारण दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति भी मिलेगी।
- यह पहल भारत में स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

















