भिवानी: हरियाणा सरकार द्वारा बिजली विभाग में तकनीकी कर्मचारियों के लिए क्लर्कों की तरह ऑनलाइन तबादला नीति लागू करने के प्रयासों के विरोध में ऑल हरियाणा पावर कॉरपोरेशन वर्कर्स यूनियन के कर्मचारी 26 नवंबर को पंचकूला में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे. इस विरोध प्रदर्शन की तैयारियों के लिए भिवानी सर्कल में वीरवार को एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें रणनीति तय करने के साथ-साथ टीमों का गठन भी किया गया.
सर्कल कार्यालय में हुई बैठक: दरअसल, भिवानी सर्कल कार्यालय में हुई इस बैठक की अध्यक्षता सर्कल सचिव अशोक गोयत ने की. बैठक में राज्य कमेटी के ऑडिटर धर्मबीर सिंह भाटी भी मौजूद रहे.यूनियन नेताओं ने सरकार के उस फैसले पर कड़ा विरोध जताया, जिसके तहत तकनीकी कर्मचारियों के लिए भी ऑनलाइन तबादला नीति लागू की जा रही है. उनका तर्क था कि तकनीकी कर्मचारियों को नई जगह पर बिजली लाइनों और नेटवर्क की सही जानकारी नहीं होगी, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाएगी.
यूनियन नेताओं ने किया स्पष्ट: इस बारे में अशोक गोयत ने कहा, “बिजली का काम विशेषज्ञता वाला है. नई जगह पर काम करने वाले कर्मचारियों को लाइनों की जानकारी न होने से न केवल कर्मचारी बल्कि आम जनता भी जोखिम में रहेगी.” यूनियन नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह नीति कर्मचारी हित में नहीं है और इसके कारण कर्मचारियों में असुरक्षा का माहौल बन गया है. उन्होंने कहा कि यूनियन ने निगम प्रबंधन, सरकार और बिजली मंत्री को अपनी मांगों को लेकर पत्र लिखे हैं, लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
ये है मांगें:कर्मचारियों की मुख्य मांगों में तकनीकी कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन तबादला नीति को वापस लेना, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, समान काम-समान वेतन सुनिश्चित करना, मैडिकल कैशलेस सुविधा देना, एक्सग्रेसिया लागू करना और रिस्क अलाउंस व शिफ्ट अलाउंस लागू करना शामिल है.यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो प्रदर्शन और भी व्यापक और गंभीर रूप ले सकता है.
तय की गई प्रदर्शन की रूपरेखा:इस बैठक में विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा, समय और स्थान तय करने के साथ-साथ प्रत्येक क्षेत्र में टीमों का गठन किया गया. ताकि 26 नवंबर को पंचकूला में होने वाले प्रदर्शन को संगठित और प्रभावशाली बनाया जा सके. यूनियन नेताओं का मानना है कि तकनीकी कर्मचारियों की सुरक्षा और उचित कार्य परिस्थितियों के बिना बिजली विभाग में कार्य करना कठिन होगा और यह कर्मचारी हित में भी नहीं होगा.

















