सिरसा: हिसार – घग्गर ड्रेन एक बार फिर विकराल रूप ले चुकी है। अल सुबह करीब 4 बजे गुड़िया खेड़ा के पास मोडिया खेड़ा गांव के खेतों में ड्रेन का तटबंध टूट गया। देखते ही देखते ड्रेन में लगभग 80 फीट तक दरार फैल गई और पानी तेजी से खेतों में घुस गया। इस हादसे के चलते करीब 1500 एकड़ फसल पूरी तरह जलमग्न हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि दर्जनों ढाणियों में पानी का स्तर 6 से 7 फीट तक पहुंच चुका है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। किसानों की मेहनत से तैयार पक्की फसलें बर्बाद हो गईं, और अब वे सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक पानी का बहाव इतना तेज था कि कुछ ही घंटों में खेत तालाब में तब्दील हो गए। मौके पर डेरा सच्चा सौदा के स्वयंसेवक पहुंचे और तटबंध बांधने के लिए मोर्चा संभाल लिया। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन किसानों के नुकसान की भरपाई मुश्किल नजर आ रही है।स्थानीय किसानों ने भावुक होकर कहा कि उनकी लगभग 1500 एकड़ फसल की पूरी मेहनत पानी में बह गई, अब उम्मीद सिर्फ सरकार से है कि हमें मुआवजा मिले ताकि अगली फसल बो सकें। वहीं किसानों का कहना है कि लगातार हो रहे घग्गर ड्रेन ओवरफ्लो से न सिर्फ फसलें बल्कि भविष्य की खेती भी संकट में है।
वहीं डेरा सच्चा सौदा से किसानों की सहायता करने के लिए पहुंचे ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स के लोगों का कहना है कि सुबह 5:00 बजे उन्हें मैसेज मिला था कि गुड़िया खेड़ा के पास घागर ग्रैंड टूट गई है उन्होंने बताया कि यहां पर पानी 8 से 9 फीट है लेकिन फिर भी वह प्रयास जारी रखे हुए हैं । ड्रेन के कटाव को बंद करने का प्रयास कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि शाम तक इसको पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।