फर्जी फर्मों के मामलों में आरोपियों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पर रोक लग गई है। पुलिस ने फर्जी फर्मों के संबंध में 2015 से लेकर 2020 तक 30 एफआईआर दर्ज की थी। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर को ट्रायल को निर्देश दिया है कि वह मामलों को हाईकोर्ट के समक्ष निर्धारित तिथि से आगे स्थगित कर दे। इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी 2026 को होगी।
इसलिए अधिकारियों की केस में जवाब दाखिल करने में मदद नहीं कर सका। यह काम उन लोगों को करना था जो उसके बाद जांच में शामिल हुए थे। दरअसल, सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द करने की मांग के लिए याचिका दायर की हुई है। याचिका में मांग की है कि पुलिस की ओर से दर्ज की गई सभी एफआईआर को रद्द किया जाए। क्योंकि कथित अपराध हरियाणा वैट अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत आता है।
उक्त अधिनियम एक विशेष अधिनियम होने के कारण आईपीसी के सामान्य प्रावधानों पर प्रबल है। इस संदर्भ में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि वैल्यू एडेड टैक्स एक्ट, 2005 के तहत कथित गलत इनपुट क्रेडिट बेनिफिट के कारण एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। इसलिए हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक केसों की सुनवाई पर रोक लगा दी है।
कराधान विभाग के अधिकारियों पर है आरोप
आरोपी महेश की कार में मिले थे एक करोड़ 10 लाख रुपये
आईजी ने किया था ये खुलासा
ये हैं फर्जी फर्मों से जुड़े कुछ केस
नौकर की आईडी पर बनाई फर्जी फर्म
विकास निवासी छत्रिया ने पुलिस में दर्ज करवाई अपनी शिकायत में बताया था कि महेश बंसल, रमेश कुमार, प्रमोद बंसल, सुनील कुमार व रविंद्र बंसल ने उसके नाम से डिंग रोड पर विकास कॉटन मिल बनाई। जबकि वह नौकरी करता है। आरोपियों ने उसकी आईडी के आधार पर फर्म बनाकर टैक्स चोरी का कारोबार किया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज किया।
दूसरों के नाम से करोड़ों का धंधा किया
गुसाईयाना निवासी गुलशन कुमार ने अपनी शिकायत में बताया था कि महेश बंसल ने उसके नाम पर भगवती ट्रेडर्स के नाम से फर्म बनाकर धोखाधड़ी की है। उसके नाम से बैंक में खाता खोला गया, जिसका संचालन महेश बंसल की ओर से ही किया गया। उसके नाम से बना फर्म से करोड़ों का धंधा किया गया, जबकि वह नौकरीपेशा है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने महेश बंसल, रविंद्र कुमार व रमेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
आईजी स्टाफ ने भी दर्ज करवाई थी एफआईआर
आईजी स्टाफ की तरफ से अपने स्तर पर भी एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। पुलिस पड़ताल में जो तथ्य सामने आए, उसके अनुसार गणेश ट्रेडर्स के नाम से फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों का फर्जी लेनदेन आरोपी महेश बंसल, पवन कुमार व प्रमोद बंसल ने किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज किया।

















