किसानों पर दोहरी मार: कैथल में एक तरफ खेतों में लगी आग व दूसरी तरफ बारिश से मंडियों में भीगा गेहूं

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कैथल  : हरियाणा में बीते दिन शुक्रवार को अनदाता पर मौसम ने कहर बरपाया। कई जगह खेतों में खड़ी फसल जलकर राख हो गई, जिन किसानों ने समय रहते फसल की कटाई कटवाकर बिकने के लिए मंडी में डाली थी वह बरसात में भीग गई। कैथल जिले के दर्जनों गांवों में गेहूं की खड़ी फसल और तूड़ी बनाने के लिए खेतों में बचे फाने जलकर राख हो गए। इससे किसानों को लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। खेतों में आग लगने के कारण एक ओर जहां अनाज नष्ट हो गया, वहीं किसानों के पशुओं के लिए भी चारे का संकट पैदा हो गया है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आगजनी की घटनाओं से इधर-उधर दौड़ती नजर आई।

कैथल के गांव क्योड़क, कैलरम, अटेला, तितरम, पबनावा, कौल, कारसा, बदनारा, सिरसल, पोबाला, व साथ लगते कुरुक्षेत्र के गांवों में भी दर्जनों एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जल गई। दूसरे किसानों के 30 एकड़ फाने, 20 ट्रॉली तूड़ी जल गई। खेतों में खड़ी ट्रॉली के टायर भी जल गए। गांव बदनारा में आगजनी में 100 एकड़ से ज्यादा फाने आग की भेंट चढ़ गए। दूसरी तरफ अचानक बारिश होने से मंडियों में पड़ी गेहूं ढेरियां पानी में लबालब हो गई। बिक चुकी गेहूं का भी उठान समय पर नहीं हो पा रहा है, जिससे गेहूं के कट्टे भीग गए। मौसम खराब होने के बावजूद गेहूं को बरसात से बचाने के लिए मार्केट कमेटी या आढ़तियों की तरफ से तिरपाल के कोई प्रबंध नहीं किए गए। अब गेहूं बेचने के लिए उसके सूखने का लंबा इंतजार करना पड़ेगा।