कुरुक्षेत्र: हरियाणा में धान कटाई का सीजन शुरू हो चुका है. किसान अपनी धान की फसल की कटाई करके मंडी में बेचने के लिए पहुंच रहे हैं तो ऐसे में अब जिला प्रशासन और कृषि विभाग भी अलर्ट मोड पर हैं. इसके पीछे मुख्य कारण है कि धान कटाई के सीजन में फसल अवशेष में आग लगाने के मामले सामने आते हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन और कृषि विभाग की ओर से सभी तैयारी पूरी कर ली गई है ताकि किसान फसल अवशेष में आग न लगाकर उसका प्रबंधन करें.
सेटेलाइट से रखी जाएगी निगरानी: कुरुक्षेत्र के जिला कृषि उपनिदेशक डॉ.करमचंद ने कहा कि “फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जिला उपायुक्त कुरुक्षेत्र के अध्यक्षता में बैठक हुई है जिसमें अवशेष प्रबंधन को लेकर चर्चा की गई है. बैठक में किसानों को ज्यादा से ज्यादा फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए भी जागरूक करने के लिए रणनीति बनाई गई है. अगर फिर भी कोई किसान फसल अवशेष में आग लगाने का काम करता है तो उसकी निगरानी सेटेलाइट से रखी जाएगी. सेटेलाइट के माध्यम से विभाग को मैसेज और ई-मेल के जरिए लोकेशन प्राप्त होगी. इसके बाद किसान के ऊपर कार्रवाई की जाएगी.”
प्राथमिकी के साथ-साथ लगेगा जुर्माना: डॉक्टर कर्मचंद ने बताया कि “किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए हमारी टीमों के द्वारा जागरूक किया जाता है. समय-समय पर किसानों के साथ मीटिंग करके उनका प्रबंधन के बारे में बताया जाता है. अगर फिर भी कोई किसान भाई फसल अवशेष में आग लगाता है तो उसके ऊपर मामला दर्ज करके जुर्माना लगाया जाएगा. इतना ही नहीं वैसे किसान 2 साल तक अपनी फसल का पंजीकरण नहीं कर पाएगा. इसका नुकसान होगा कि किसान की फसल अनाज मंडी में नहीं खरीदी जाएगी. इसके अलावा सरकारी योजनाओं के लाभ से उन्हें वंचित किया जायेगा. उनको रेड लिस्ट किया जाता है.”
हार्वेस्टिंग मशीन वाले मालिकों को एसएमएस लगाने के निर्देशः उन्होंने कहा कि “जहां पर आगेती कटाई होती है वहां पर फसल अवशेष जलाने की ज्यादा समस्या रहती है क्योंकि किसान सब्जियों की खेती के लिए तैयारी करते हैं. वहां पर हमने अपने तंत्र को ज्यादा एक्टिव किया है ताकि किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो.” उन्होंने कहा कि “हार्वेस्टिंग मशीन वाले मालिक को भी बोल दिया गया है कि वह अपनी मशीन के पीछे एसएमएस(Straw Management System) लगाएं ताकि छोटे-छोटे टुकड़ों में फसल अवशेष काटकर खेत में बिखर जाए और उसका प्रबंधन आसानी से हो सके.”
5 से 30 हजार तक लगाया जाता है जुर्मानाः डॉ. कर्मचंद ने बताया कि “2 एकड़ तक अगर कोई किसान फसल अवशेष जलाता है तो उस पर 5000 जुर्माना लगाया जाता है और मामला दर्ज किया जाता है. अगर 2 एकड़ से लेकर 5 एकड़ तक फसल अवशेष जलता है तो उसके ऊपर 10000 रुपये जुर्माना और मामला दर्ज किया जाता है. वहीं अगर कोई पांच एकड़ से ज्यादा फसल अवशेष जलता है तो उसके ऊपर 30000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है.”
कैसे करें प्रबंधनः उन्होंने बताया कि “किसान भाई फसल अवशेष में आग न लगाकर उसका प्रबंध करें. यह ज्यादा बेहतर होता है क्योंकि आग लगने से हमारी मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. इस कारण मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम होती है और पैदावार में भी नुकसान होता है. साथ ही धुएं से पर्यावरण भी दूषित होता है. इसलिए किसान भाई ऐसी हार्वेस्टिंग मशीन से अपनी फसल कटवाए जिसमें एसएमएस लगा हो और अवशेष के छोटे टुकड़े हो जाए. इससे खेत में फसल के टुकड़े आसानी से मिल जाएगा. इसके अलावा फिर वह गट्ठे बनाने वाले मशीन से संपर्क कर सकते हैं जिसमें उनके फसल अवशेष के गेट बनाकर उनका प्रबंधन कर सकते हैं. जो लोग देरी से कटाई करते हैं वह सीधा सुपर सीटर से बजाई करके भी उसका प्रबंधन कर सकते हैं.”
1200 प्रति एकड़ दिया जाता है प्रोत्साहन: डॉ. कर्मचंद ने बताया कि “इन सभी में प्रबंधन करने से किसानों को 1200 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है. पिछले वर्ष कुरुक्षेत्र जिले में 25 करोड़ की राशि किसानों के खाते में प्रोत्साहन राशि के रूप में ट्रांसफर की गई है. इस बार 30 करोड़ प्रोत्साहन राशि देने का टारगेट रखा गया है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा किसानों से अपील है कि वह फसल अवशेष में आग न लगाकर उसका प्रबंध करें.”
बीते वर्ष आग लगाने के मामले: डॉ. कर्मचंद ने बताया कि “2022 में जिले में 300 मामले फसल अवशेष में आग लगाने के सामने आए थे. 2023 में यह घटकर 154, 2024 में यह घटकर 132 मामले ही सामने आए थे. इनमें 72 मामलों को चिन्हित किया गया था. वहीं हरियाणा की बात करें राज्य में फसल अवशेष जलाने के मामलों में 2024 में कुछ कमी आई थी. आग लगने की 1828 शिकायत दर्ज की गई.”