किसान भटकते रहे, 54 पैक्स सोसायटी बंद और कर्मचारियों की हड़ताल जारी

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भिवानी। प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जिले भर की 54 पैक्स समितियों के गेट शुक्रवार को बंद रहे। जिले भर में 147 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। पैक्स समिति कार्यालय बंद रहने से खाद लेने आए किसानों को सुबह से ही लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ा। हालांकि इफ्को ई किसान सेवा केंद्रों पर ही खाद बांटी गई लेकिन अधिकांश किसान निराश होकर वापस लौट गए।

पैक्स कर्मचारी महासंघ हरियाणा के आह्वान पर शुक्रवार को सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के गोहाना स्थित आवास का घेराव किया गया। इस दौरान भिवानी जिले की सभी 54 पैक्स समितियों में तैनात 147 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। महासंघ के भिवानी व दादरी जिला प्रधान नरेश कुमार ने बताया कि पैक्स कर्मचारी लंबे समय से वेतन विसंगतियों, मेडिकल सुविधा और ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत भुगतान जैसी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं।

मंत्री आवास के घेराव के बाद अब 22 व 23 दिसंबर को प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन होंगे। इसके बाद 29, 30 व 31 दिसंबर को कलम छोड़ हड़ताल की जाएगी। यदि सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो पांच जनवरी को रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, पंचकूला के कार्यालय पर प्रदेशस्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा। पैक्स बंद रहने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई। केंद्र पर सीमित खाद का स्टॉक पहुंचा जिसे किसानों ने हाथों-हाथ ले लिया।

231 किसानों को बांटी 1100 बैग यूरिया

ढिगावा मंडी। कस्बे के इफ्को ई किसान सेवा केंद्र पर शुक्रवार को 1100 कट्टे यूरिया खाद 231 किसानों को बांटे गए। खरीद केंद्र पर 181 पुरुष और 50 महिलाएं भी मौजूद थीं। खाद हाथों-हाथ बंट गई। केंद्र के अधीन करीब 40 गांव आते हैं। यदि एक किसान को तीन-चार कट्टे खाद मिले तो महज एक गांव के पांच से दस किसानों को ही पर्याप्त मात्रा में खाद मिल पाई। अधिकांश किसानों को निराशा हाथ लगी। किसानों ओमबीर, अशोक, अमित, रणबीर, बिजेंद्र, धर्मेंद्र और विनोद ने मांग की कि ढिगावा किसान सेवा केंद्र के अधीन अधिक संख्या में गांव होने के कारण यहां पर्याप्त मात्रा में खाद भेजी जाए ताकि किसानों को परेशानी न हो। रबी सीजन में गेहूं और सरसों में पानी देने के लिए प्रत्येक किसान को खाद की आवश्यकता है। महिलाएं भी सुबह छह बजे से शाम करीब चार बजे तक लाइनों में लगी रहीं।

खाद लेने के लिए सुबह से लाइन में खड़े थे लेकिन पैक्स बंद मिलने पर इफ्को केंद्र पहुंचे जहां पहले से ही लंबी लाइन थी। करीब चार घंटे इंतजार के बाद केवल दो कट्टे यूरिया मिली।

खाद की मारामारी जारी है। बिजाई के बाद खेत में यूरिया की जरूरत है। दो दिन से लाइन में खड़ा था। शुक्रवार दोपहर को करीब तीन कट्टे खाद ही मिली जबकि जरूरत आठ कट्टों की थी।

यूरिया की किल्लत बनी हुई है। पहले केंद्र पर खाद नहीं थी। शुक्रवार को वितरण शुरू हुआ महिलाओं ने भी लाइनों में लगकर इंतजार किया। ठंड ज्यादा होने के कारण पहले अलाव जलाया गया फिर लाइन में लगे लेकिन तब तक खाद बंट चुकी थी।

रबी सीजन में बिजाई के बाद किसानों को खाद को लेकर दिक्कत झेलनी पड़ी। प्राइवेट केंद्रों पर खाद और सामान बेचा जा रहा है जबकि सरकारी केंद्रों पर खाद उपलब्ध नहीं थी। सुबह से शाम तक केंद्र के बाहर किसानों की लाइनों में भीड़ लगी रही।

सभी सरकारी केंद्रों पर खाद का पर्याप्त भंडारण मौजूद है। किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार खाद का वितरण किया जा रहा है। इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। किसी भी तरह की परेशानी होने पर किसान टोल फ्री या हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।