नूंह: हरियाणा में किसानों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही. मानसून में आई बाढ़ ने पहले ही किसानों का काफी नुकसान कर दिया है. अब सरसों और गेहूं की फसल बुवाई का समय नजदीक आते ही डीएपी और यूरिया खाद की मांग बढ़ गई है. सरकारी केंद्रों पर खाद नहीं होने के कारण किसानों को मजबूरी में प्राइवेट दुकानदारों से खरीद करनी पड़ रही है. जिसके चलते किसान काफी परेशान है. किसानों का आरोप है कि “दुकानदार मनमानी रकम वसूल रहे हैं. डीएपी के लिए 1800-1850 तक की रकम वसूल रहे हैं. जबकि यूरिया का बैग 400 रुपये तक बेचा जा रहा है”.
दुकानदारों की मनमानी: किसानों ने बताया कि “सरकार द्वारा डीएपी का मूल्य 1350 तक है और यूरिया का 270 रुपये निर्धारित किया गया है. खाद बीज की दुकान चलाने वाले दुकानदार मनमानी कर रहे हैं. खाद महंगा मिलने के कारण किसानों को परेशानी हो रही है”. किसानों ने बताया कि “सरसों और गेहूं की बिजाई का समय नजदीक आ गया है. ऐसे में किसानों को डीएपी खाद की आवश्यकता है”.
किसानों का आरोप: पुन्हाना में भी किसान परेशान हैं, यहां पर खाद नहीं मिलने के कारण किसानों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का आरोप है कि “पुन्हाना जमालगढ़ रोड पर लाइसेंस से खाद बीज बेचने वाले दुकानदारों ने अपने-अपने गोदाम में डीएपी खाद का स्टॉक किया हुआ है. यह थोड़े कट्टे दुकान पर दिखावे के लिए रखते हैं”.
किसानों की मांग: विभाग को कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. किसानों ने सरकार व प्रशासन से मांग कि है कि “जल्द से जल्द खाद उपलब्ध कराया जाए. ताकि गेहूं और सरसों की बुवाई में किसानों को परेशानी न हो. खाद की कालाबाजारी के लिए नकली डीएपी खाद भी बाजार में बेची जा रही है. जिसका खुलासा सोमवार को नूंह में सीएम फ्लाइंग रेवाड़ी की टीम द्वारा किया गया था. ऐसे में किसानों की साल भर की मेहनत पर नकली खाद पानी फेर सकता है”.
कृषि विभाग करेगा जांच: इस मामले पर खंड कृषि अधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि “किसानों को जागरूक होने की जरूरत है. किसान जिस दुकान से सामान खरीद रहे हैं, उस दुकान से बिल अवश्य लें. जब तक सामान का बिल नहीं मिलेगा, विभाग कार्रवाई कैसे करेगा. अगर पुन्हाना क्षेत्र में खाद की कालाबाजारी हो रही है, तो उसकी जांच की जाएगी. खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों के लाइसेंस भी रद्द किए जाएंगे. इसके लिए किसानों को विभाग का सहयोग करना बहुत जरूरी है”. वहीं, कृषि उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र देव आर्य ने कहा कि “सरसों की बुवाई के लिए खाद पर्याप्त है. गेहूं की बिजाई के लिए भी खाद उपलब्ध कराई जाएगी”.

















