पुलिस को दी शिकायत में संदीप राठी ने बताया कि उसका बेटा हार्दिक राठी बास्केटबॉल का राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था। उसने कई बार राष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया। बास्केटबॉल फैडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से हार्दिक को रखरखाव और अभ्यास के लिए फंड मिलता था। हार्दिक लाखन माजरा के खेल स्टेडियम में अभ्यास करता था। इसका प्रबंधन खेल विभाग और पंचायती राज विभाग की ओर से किया जाता है।
संदीप राठी का आरोप है कि स्टेडियम में बास्केटबॉल कोर्ट की मरम्मत की आवश्यकता थी, क्योंकि कोर्ट के बास्केटबॉल पोल जंग खा गए थे। कोर्ट की तत्काल मरम्मत के लिए 7 नवंबर 2023 को सांसद निधि से पंचायती राज विभाग को 12 लाख 30 हजार रुपये का फंड स्वीकृत हुआ था। इसके बावजूद विभाग ने फंड खर्च कर बास्केटबॉल कोर्ट को ठीक नहीं किया गया।
सांसद निधि कोष से पंचायती राज विभाग को 26 जून 2025 को 6,20,000 रुपये फंड मिला। फिर भी कोई कार्य नहीं किया गया। आरोप है कि पंचायती राज विभाग व खेल विभाग के अधिकारियों ने कार्य करने में जानबूझकर लापरवाही की। लापरवाही के कारण 25 नवंबर को बास्केटबॉल का पोल अभ्यास करते समय हार्दिक के सीने पर गिर गया। इसके साथ ही उसकी मौत हो गई।
लाखन माजरा के खेल स्टेडियम के बास्केटबॉल कोर्ट में पोल लगाने वाले ठेकेदार और पोल लगाने की देखरेख करने वाले सरकारी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाए। आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस ने बीएनएस की धारा 106 (1) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि किसी अधिकारी को नामजद नहीं किया गया है।