हरियाणा के विधायक अब विधानसभा समितियों के सदस्य के रूप में दौरों के दौरान फाइव-स्टार आतिथ्य का आनंद ले सकेंगे। नए नियमों के तहत उन्हें मेट्रो शहरों में 12,000 और गैर-मेट्रो शहरों में 9,000 रुपये तक के किराए पर लग्जरी होटल का कमरा लेने की अनुमति दी गई है। यह पिछली 5,000 की सीमा से 168 प्रतिशत अधिक है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ठहरने के खर्च (हाल्टिंग चार्ज) में यह वृद्धि बढ़ती कीमतों और जनप्रतिनिधियों के पद व गरिमा को ध्यान में रखते हुए की गई है, जिन्हें प्रोटोकॉल में आमतौर पर राज्य के मुख्य सचिव से ऊपर रखा जाता है। विधायकों को लगभग 2.25 लाख रुपये प्रति माह वेतन मिलता है। इसके अलावा, बैठकों में शामिल होने के लिए 18 रुपये प्रति किलोमीटर की प्रतिपूर्ति और 3 लाख रुपये का वार्षिक यात्रा अनुदान भी दिया जाता है। इस प्रभावशाली वृद्धि के साथ, विधायक अब सरकारी खर्च पर शानदार होटलों का खर्च उठा सकेंगे, क्योंकि चंडीगढ़ के प्रमुख फाइव-स्टार होटलों के कमरों का किराया 9,000 से 12,000 रुपये प्रतिदिन के बीच रहता है।
वर्तमान में, विधायकों के वेतन और भत्ते ‘हरियाणा विधानसभा (सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1975’ द्वारा शासित होते हैं, जिसमें कई बार संशोधन किया जा चुका है। ये भत्ते उन नियमों के अधीन भी हैं जिन्हें अध्यक्ष (स्पीकर) इस अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बना सकते हैं। हरियाणा विधानसभा के सचिव राजीव प्रसाद द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया, ‘नए नियम को ‘हरियाणा विधानसभा (सदस्यों को भत्ते) संशोधन नियम, 2025’ कहा जा सकता है।’
नियम के अनुसार, ‘वर्तमान नियमों के तहत, प्रत्येक सदस्य हरियाणा विधानसभा की समिति के सदस्य के रूप में दूसरे राज्यों के दौरे पर निजी आवास किराए पर लेने और 5,000 रुपये प्रति दिन तक का बिल जमा करने पर प्रतिपूर्ति का हकदार था। हालांकि, यदि कोई सदस्य दिल्ली में हरियाणा भवन या सरकार द्वारा संचालित किसी गेस्ट हाउस में रुकने का हकदार है, तो उसे निजी होटल का लाभ लेने से पहले संबंधित प्राधिकारी से ‘कमरा उपलब्ध न होने का प्रमाणपत्र’ देना होगा।’

















