झज्जर के पूर्व MLA का हरिराम वाल्मीकि का 76 साल की उम्र में निधन, काफी समय से चल रहे थे बीमार

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झज्जर : झज्जर के पूर्व विधायक हरिराम वाल्मीकि का निधन हो गया है। वे 76 साल के थे। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके भतीजे डॉक्टर विजय ने बताया कि पूर्व विधायक की पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। वह झज्जर में अपने ही घर पर थे। जहां करीब रात 1 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज झज्जर शहर में किया गया। हरिराम वाल्मीकि 360 वाल्मीकि खाप के प्रधान भी रहे। उनके 2 बेटे सतीश और मनोज हैं। बड़े बेटे सतीश राजनीति में सक्रिय थे लेकिन 2013 में उनकी सड़क हादसे में मौत हो गई। उनका छोटा बेटा मनोज सहकारी बैंक में क्लर्क के पद पर नौकरी करते हैं।

1980 में राजनीति में आए

झज्जर हलके से पूर्व विधायक हरिराम वाल्मीकि का जन्म अगस्त 1949 में पिता कुंदनलाल के घर हुआ था। उन्होंने साल 1980 में राजनीति में कदम रखा। तब उन्होंने कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीति शुरू की। वह 2 बार पार्षद का चुनाव लड़े, लेकिन दोनों चुनाव हार गए।

इसके बाद 2000 में उन्होंने कांग्रेस से टिकट मांगी थी। मगर टिकट नहीं मिली तो उन्होंने निर्दलीय दावा ठोक दिया। उन्होंने इसके लिए नॉमिनेशन भी भर दिया था, लेकिन बाद में कांग्रेस ने उन्हें मना लिया। इसके बाद 2005 में वह कांग्रेस के टिकट पर झज्जर शहर से विधायक बने। 2005 से 2009 तक झज्जर शहर से विधायक रहने के बावजूद कांग्रेस ने 2009 में उनका टिकट काटकर गीता भुक्कल को दे दिया। इससे हरिराम नाराज हो गए। उन्होंने पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) जॉइन कर ली। हालांकि वहां 2 महीने रहने के बाद वे फिर कांग्रेस में आ गए। इसके बाद साल 2014 में उन्होंने विधानसभा चुनाव से 3 महीने पहले BJP जॉइन कर ली। मगर, रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने वोटिंग से एक महीने पहले मातनहेल की चुनावी सभा में उन्हें वापस कांग्रेस में शामिल कर लिया।