यदि इंसान कुछ कर गुजरने की ठान ले, तो रास्ते की कितनी ही मुश्किलें क्यों न हों, वह अपनी मंज़िल तक जरूर पहुंचता है। यही साबित किया है हरियाणा के चार सरपंचों ने, जिन्होंने स्वच्छता और जल संरक्षण के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य करते हुए प्रदेश का नाम रोशन किया है।
दरअसल 13 अगस्त को यह चारों सरपंच दिल्ली स्थित हरियाणा भवन पहुंचेंगे और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली में सम्मानित करेंगे। इस अवसर पर इनकी देखरेख के लिए फरीदाबाद जिला स्वच्छता मिशन के परियोजना अधिकारी उपेंद्र सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सम्मानित होने वाले सरपंच
रविंद्र सिंह बांकुरा – सरपंच, गांव बहादुरपुर, तिगांव खंड, फरीदाबाद
सुमित्रा देवी – महिला सरपंच, गांव शेरपुरा, सिवानी खंड, भिवानी
रतनपाल सिंह – सरपंच, गांव नीरपुर राजपूत, अटेली खंड, महेंद्रगढ़
जसमेर सिंह – सरपंच, गांव सुल्तानपुर, नीलोखेड़ी खंड, करनाल
इनके प्रयासों की एक झलक:
भिवानी के सिवानी खंड के शेरपुरा गांव की महिला सरपंच सुमित्रा देवी
महिला सरपंच सुमित्रा देवी ने गांव में एक एकड़ भूमि पर सुंदर पार्क और ओपन जिम बनवाया। फिरनी का निर्माण कराया, नालियों के पानी के निस्तारण हेतु सोखते गड्ढे बनवाए। पूरे गांव में स्ट्रीट लाइट लगवाई गई और कचरा प्रबंधन की उत्तम व्यवस्था की गई।
बहादुरपुर गांव के सरपंच रविंद्र सिंह बांकुरा
इन्होंने गांव की जोहड़ के जल को खेतों तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन डलवाई, जिससे भूजल स्तर में सुधार हुआ। स्कूल परिसर में पांच लाख की लागत से पार्क और ट्रैक बनवाया, हर घर से कचरा उठवाने की प्रणाली विकसित की, जिससे गांव पूरी तरह से स्वच्छ बना।
महेंद्रगढ़ जिले के अटेली खंड के नीरपुर राजपूत गांव के सरपंच रतनपाल सिंह
पुरानी जोहड़ों की खुदाई कर नहर से जल पहुंचाया गया। सोखते गड्ढों से दूषित जल का प्रबंधन किया गया। छह एकड़ भूमि पर ग्रामीण स्टेडियम और सिंथेटिक ट्रैक निर्माण शुरू किया गया। गांव को नशा मुक्त घोषित कर स्ट्रीट लाइट भी लगवाई गई।
करनाल जिले के नीलोखेड़ी खंड के सुल्तानपुर गांव के सरपंच जसमेर सिंह
इन्होंने जोहड़ को ‘फाइव पाउंड’ योजना के तहत विकसित कर नालियों के पानी को शुद्ध कर संरक्षित किया। स्वयं प्रतिदिन दो घंटे सफाई कर मिसाल पेश की। ग्राम सचिवालय को प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ बनवाया, और पूरे गांव में सफाई की मिसाल कायम की।
इन सरपंचों के कार्य न केवल प्रशंसनीय हैं, बल्कि अन्य ग्राम पंचायतों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। सरकार द्वारा इनका सम्मान एक सकारात्मक संदेश है कि जब स्थानीय नेतृत्व संकल्प के साथ आगे बढ़ता है, तो ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकती है।