सरकार ने कृषि, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य के बजट में की भारी कटौती: हुड्डा

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चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सरकार का ये बजट कोरी लफ्फाजी और आंकड़ों की कलाबाजी से भरा है। सरकार ने कृषि, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, परिवहन, जनस्वास्थ्य, सहकारिता और गृह समेत तमाम आवश्यक सेवाओं वाले विभागों के बजट में कटौती की है। इतना ही नहीं, ये बजट बीजेपी के चुनावी वादों, 2 लाख नौकरियों, किसानों को एमएसपी देने, महंगाई पर नकेल कसने जैसे तमाम मुद्दों पर खामोश है।

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने चुनाव से पहले किसानों को धान और गेहूं जैसी फसलों पर एमएसपी से भी ज्यादा रेट देने का वादा किया था। धान की फसल पर बीजेपी ने ₹3100 रेट का वादा किया था। ना बीजेपी ने सरकार बनने के बाद यह वादा निभाया और ना ही इस बार के बजट में ऐसा कोई प्रावधान रखा।

बीजेपी आंकड़ों के साथ किस तरह कलाबाजी करती है, उसे इसके अनुमानित और संशोधित बजट के आंकड़ों से समझा जा सकता है। सरकार जानबूझकर अनुमानित बजट को बढ़ा-चढ़ाकर बताती और बाद में संशोधित बजट को घटा दिया जाता है। एक्चुअल बजट को उससे भी कम कर दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर पिछली बार बीजेपी ने 1 89 876 करोड़ का अनुमानित बजट पेश किया था, जिसे बाद में रिवाइज करके 180313 करोड़ कर दिया गया यानी लगभग 10000 करोड़ का अंतर इसमें देखने को मिलता है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बजट के प्रस्तावों से स्पष्ट है कि पहले से ही 4.5 लाख करोड़ के कर्ज तले दबी जनता को सरकार और ज्यादा कर्ज में डुबोने जा रही है। बीजेपी ने प्रदेश पर लोन इतना बढ़ा दिया है कि सिर्फ लोन की किश्त भरने में ही सरकार को 30.26 प्रतिशत बजट खर्च करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा लिए गए लोन के ब्याज का भुगतान करने के लिए ही सरकार को इसबार 26,231 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। पिछले बजट में इसके लिए 25142 करोड़ प्रस्तावित थे। यानी अबकी बार 111 करोड़ रुपये अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा। इसके अलावा सार्वजनिक लोन की किश्त के रूप में इसबार 35,788 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।

यह आंकड़ा भी पिछले साल के 34044 करोड़ से 1744 करोड़ रुपये ज्यादा है। हैरानी की बात है कि पांव से लेकर सिर तक कर्ज में डूबी सरकार ने इसबार भी बजट के लिए 34.87% राशि उधार लेने का प्रस्ताव किया है।  प्रदेश पर 1966  से लेकर 2014 तक लगभग 60 हजार करोड़ था जोकि अब 4.5 लाख करोड़ है 2025  में ये और भी बढ़ने वाला है।