चंडीगढ़: हरियाणा में लगातार नीचे जा रहे जलस्तर की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को सदन में दिए गए अभिभाषण के दौरान बताया िक हिमाचल प्रदेश के साथ आदिब्रदी बंाध के निर्माण के लिए समझौता किया गया है।
पूर्व की मनोहर सरकार के प्रयासों से यह योजना सिरे चढ़ी और बांध पर निर्माण शुरू हुआ। आदिब्रदी बंाध के जून-2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे मिलने वाला पानी प्रदेश के किसानों के सिंचाई में इस्तेमाल किया जा सकेगा। साथ ही, पेयजल आपूर्ति में भी इजाफा संभव हो पाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रयासों से ही बरसों से लटके रेणुका, किशाऊ और लखवाड़ व्यासी बांधों (डैम) के निर्माण की दिशा में कार्रवाई आगे बढ़ी है।
यमुना नदी तथा उसकी सहायक नदियों – गिरी व टोंस से राज्य को पानी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ये तीनों बांध बेहद जरूरी हैं। इन बांधों के पूरा होने के बाद कुल भंडारित पानी का 47.81 प्रतिशत पानी हरियाणा को मिलेगा। वहीं दूसरी ओर, तालाबों के जीर्णोद्धार एवं कायाकल्प के साथ-साथ गंदे पानी के उपचार एवं प्रबंधन के उद्देश्य से हरियाणा तालाब अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया गया है। अमृत सरोवर मिशन के तहत 2215 तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा हो चुका है।
प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी तक 24 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती पोर्टल पर प्राकृतिक खेती करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। इनमें से 9 हजार 910 किसानों ने 15 हजार 710 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती शुरू कर दी है। बागवानी फसलों के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ के तहत 46 बागवानी फसलों (फलों व सब्जियों) को कवर किया है। मार्केट के उतार-चढ़ाव से किसानों को नुकसान ना हो, इसके लिए यह योजना शुरू की है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत हरियाणा के 20 लाख 24 हजार किसानों को अभी तक 19 किस्तों के तौर पर 6 हजार 563 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 34 लाख 57 किसानों को 8 हजार 732 करोड़ रुपये के क्लेम दिए जा चुके हैं। वहीं पिछले दस वर्षों में राज्य की भाजपा सरकार ने किसानों को फसलों की नुकसान की भरपाई के लिए 4 हजार 872 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से क्षतिपूर्ति के रूप में दिए हैं।